बकरीद को लेकर बाजारों में गहमागहमी बढ़ गई है। एक अगस्त को बकरीद मनाई जाएगी। कोरोना संक्रमण के चलते हर साल नौचंदी क्षेत्र के तिरंगा गेट पर लगने वाली पैठ इस बार नहीं लगी है, लेकिन पुलिस की मिलीभगत से चोरी-छिपे कुर्बानी के लिए जानवरों की बिक्री जरूर हो रही है।
राजकीय कन्या इंटर के सामने वाली सड़क पर तरह-तरह के बकरों की मंडी सज गई है। मांग के चलते बकरों के दाम तो बढ़ गए हैं, लेकिन अच्छी नस्ल के जानवर इस बार नहीं देखने को मिल रहे हैं।
कन्या इंटर कालेज के सामने एक व्यापारी ने बताया कि बकरे की कीमत 10 हजार से शुरू है। दुंभा जिसकी हर साल मांग रहती है, जिसकी कीमत 80-90 हजार जाती है, इस बार देखने को नहीं मिल रहा है। दूसरे जनपदों जैसे मुजफ्फरनगर, हापुड़ से व्यापारी आते थे, इस बार नहीं आए हैं।
उधर, सवाल यह भी है कि पशु व्यापारियों का जमावड़ा बिना अनुमति के कैसे लग रहा है। पूर्वा फैय्याज अली निवासी फुरकान अली ने बताया कि सोशल वाट्सएप पर पशुओं की फोटो डालकर बिक्री की जा रही है। रेट आदि फोन पर तय हो जाते हैं और घर पर डिलीवरी दी जा रही है।