आर्थिक संकट से जूझ रही भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) को केन्द्र सरकार की तरफ से राहत दी है। सरकार ने सभी मंत्रालयों, सरकारी विभागों, PSU के लिए अब बीएसएनएल और एमटीएनएल की टेलीकॉम सेवाओं को अनिवार्य किया है। इससे जुड़े मेमोरेंडम को दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा जारी कर दिया गया है।
दूरसंचार विभाग द्वारा जारी मेमोरेंडम के मुताबिक अब सभी मंत्रालयों और विभागों को सेंट्रल ऑटोनॉमस ऑर्गनाइजेशन (CPSEs) समेत सभी केंद्रीय संस्थाएं बीएसएनल और एमटीएनएल के नेटवर्क प्रयोग के लिए जरूरी निर्देश जारी करने को कहा गया है। इसमें बीएसएनल, एमटीएनएल नेटवर्क का इस्तेमाल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड लैंडलाइन और लीज्ड लाइन रिक्वायरमेंट के लिए होगा।
घाटे में चल रही है सरकारी कंपनी
वित्त वर्ष 2019-20 में बीएसएनल को 15500 करोड़ का और एमटीएनएल को 369 करोड़ का घाटा हुआ था। साथ ही इन दोनों कंपनियों के सब्सक्राइबर लगातार कम होते जा रहे हैं। बीएसएनएल के पास नवंबर 2008 में 2.9 करोड़ वायरलाइन सब्सक्राइबर थे जो इस साल जुलाई में घटकर 80 लाख रह गए। एमटीएनएल के फिक्स्ड लाइन कस्टमर्स भी नवंबर 2008 में 35.4 लाख की तुलना में घटकर इस साल जुलाई में 30.7 लाख रह गया है।