अच्छे के लिए बनाए नियम किस तरह से व्यवस्था विरोधी हो जाते हैं, परिवहन विभाग में इसकी कई बानगी मिल जाएंगी। इसका एक उदाहरण प्रस्तुत है। मुख्यालय स्तर से स्थाई लाइसेंस के लिए 250 स्लाट निर्धारित हैं। जबकि जांच केवल एक आरआइ के जिम्मे है। सवाल उठता है कि एक संभागीय निरीक्षक एक दिन में इतने लोगों का टेस्ट कैसे ले सकता है।सरकार सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर बड़ा बजट व्यय करती है। पर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पारदर्शी प्रक्रिया और संसाधन जुटाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं होती। ऐसा तब है जब सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं के पीछे चालक की वाहन चलाने की योग्यता की मुख्य भूमिका होती है। आरटीओ डा. विजय कुमार ने बताया कि लाइसेंस बनवाने वाले हर आवेदक के लिए ट्रैफिक रूल ड्राइविग के बेसिक नियम बताने के लिए 40 मिनट की कार्यशाला में भाग लेने की व्यवस्था की गई है।