हरियाणा के करनाल में किसानों की महापंचायत में प्रशासन से हुई बातचीत बेनतीजा रही। जिसके बाद सैकड़ों किसानों ने सचिवालय की ओर पैदल कूच कर दिया है। सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स, सुरक्षा दस्ते लगाए गए।
हरियाणा के करनाल (Karnaal) में हो रही महापंचायत में किसानों और सरकार के बीच वार्ता विफल रही। जिसके बाद अनिश्चितकाल के लिए मिनी सचिवालय के घेराव के लिए किसानों ने कूच कर दिया। रास्ते में कड़ी सुरक्षा रही। पैदल कूच कर किसान सचिवालय पहुंच गए। महापंचायत स्थल से सचिवालय 5 किमी. की दूरी पर है। किसान संगठनों ने मांग की थी कि 28 अगस्त को जिले में हुए प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन होना चाहिए। मामले को देख हरियाणा सरकार एक्शन मोड में आ गई है।Read Also:-महंगाई का एक और झटका! हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बढ़ाए सर्फ-साबुन के दाम; LUX से लेकर Surf Excel की कीमत में हुआ इतना इजाफा
प्रदेश सरकार ने 5 जिलों में सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद (Internet Service Ban) कर दी है। जिन जिलों में ये सेवाएं बंद की गई है उनमें करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद शामिल हैं। जिले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं। जिला प्रशासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 (Section 144) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर 5 या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया।
अधिकारियों के साथ किसानों की लंबी बैठक चली, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। इसके बाद किसानों ने मिनी सचिवालय का रुख कर दिया है। वहीं प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की तैनाती की है। बड़ी संख्या में किसान मंगलवार को सुबह ही ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और कारों में सवार होकर अनाज मंडी पहुंचे थे। इसके बाद 11 किसान नेताओं के डेलिगेशन को अधिकारियों ने बातचीत के लिए बुलाया था। सीनियर किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्रहन नने बताया कि प्रशासन के साथ हमारी बातचीत फेल रही है क्योंकि वे हमारी मांगों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
बैठक फेल होने के बाद किसान नेताओं ने अपने समर्थकों से कहा कि वे एकत्रित होकर मिनी सचिवालय की ओर शांतिपूर्ण मार्च करें। इसके साथ ही नेताओं ने किसानों से अपील की है कि वे पुलिस के जवानों से न भिड़ें और जहां भी रोका जाए, वहां विरोध प्रदर्शन करें।
हजारों की संख्या में किसान अपने संगठनों के झंडे लिए हुए सचिवालय की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं पुलिस ने रास्ते में कई जगह बैरिकेडिंग कर रखी है। आशंका है कि पुलिस के रोकने पर हिंसा की स्थिति पैदा हो सकती है। इसी के चलते प्रशासन ने 40 कंपनियों को सुरक्षा में तैनात कर रखा है ताकि स्थिति को कंट्रोल किया जा सके।
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