कोरोना संक्रमण से प्रभावित सत्र 2020-2021 में स्कूलों से कॉलेजों तक छात्र-छात्राओं के साथ इस वर्ष खास संयोग रहेगा। छोटे से बड़ों तक अबकी बार सबकी परीक्षाएं मई में होंगी। बीते वर्षों में यह पहली बार है जब सभी बोर्ड में 10-12 वीं और विश्वविद्यालय में स्नातक-स्नातकोत्तर के स्टूडेंट को एक साथ ही पेपर से गुजरना होगा। छात्र-छात्राओं को परीक्षा के साथ-साथ भीषण गर्मी से भी जूझना होगा। स्कूल से कॉलेजों तक केंद्रों पर भीषण गर्मी के हिसाब से व्यवस्था करना सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। चुनौती: मई में भीषण गर्मी
मई में पारा 39-42 डिग्री सेल्सियस के बीच संभावित है। बीते वर्षों में मई के शुरुआत में पारा 38-39 और मध्य मई के बाद 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। लू और भीषण गर्मी मई में चरम पर रहती है। इस वर्ष पेपर जून में भी रहेंगे। यानी भीषण गर्मी में छात्रों को दोहरी परीक्षा से गुजरना होगा। बीते वर्षों में यूपी बोर्ड के पेपर अप्रैल में खत्म हो रहे थे। सीबीएसई और आईएससी के पेपर भी मध्य अप्रैल तक ही निपट जाते थे। विवि की परीक्षाएं मई में खत्म हो रही थी। विवि के अधिकांश पेपर मध्य मई तक खत्म हो जाते थे। अप्रैल में परीक्षाएं पीक पर होती थी जबकि पेपर की शुरुआत मार्च में होती थी, लेकिन बार ऐसा नहीं है। पिछले वर्ष यूपी बोर्ड ने परीक्षाएं फरवरी में शुरु करा दी थी।