कोरोनावायरस न्यू वेरिएंट: लंदन स्थित साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी ने इस शोध पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें आशंका है कि कोरोना वायरस (Covid 19) का अगला संस्करण इतना घातक होगा कि यह पृथ्वी पर हर तीन में से एक व्यक्ति की जान ले सकता है।
लंडन। दुनिया भर में कोरोनावायरस का संक्रमण अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। कई देशों में इसके नए वेरिएंट (कोरोनावायरस वेरिएंट) ज्यादा कहर बरपा रहे हैं। इस बीच, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने अपने शोध में दावा किया है कि कोरोना वायरस (Covid 19) का अगला संस्करण अधिक घातक हो सकता है। उनके मुताबिक यह इतना घातक होगा कि यह हर तीन में से एक व्यक्ति की जान ले सकता है। लंदन स्थित साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी ने शोध को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
प्रकाशित शोध रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि भविष्य में अब जो कोरोना वायरस आएगा वह एमईआरएस वेरिएंट से ज्यादा घातक होगा। इस प्रकार की मृत्यु दर वर्तमान में 35 प्रतिशत है।
जानवरों को मारने की सलाह
शोध पत्र में वैज्ञानिकों की टीम ने सुझाव दिया है कि जिन जानवरों में कोरोना वायरस के नए प्रकार का संदेह है, उन्हें या तो मार दिया जाए या उनका टीकाकरण कर दिया जाए। ऐसे में इन जानवरों में वायरस के नए रूपों को पनपने से रोका जा सकता है। इन जानवरों के माध्यम से, नया संस्करण मनुष्यों में फैलता है।
टीका अप्रभावी हो सकता है
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोरोना वायरस का आगामी संस्करण मौजूदा बीटा, अल्फा या डेल्टा वेरिएंट का संयोजन है, तो उस पर कोविड 19 का टीका भी अप्रभावी हो सकता है। इससे मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, इस रिपोर्ट में इस अगले संभावित वेरिएंट के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। लेकिन इसे सुपर म्यूटेंट वेरिएंट कहा गया है।
क्या होगा वैक्सीन का असर?
वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा कोरोना वायरस का टीका तब तक प्रभावी होगा जब तक कि एक अतिरिक्त शक्तिशाली कोरोना संस्करण नहीं आ जाता। लेकिन ये टीके कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को पूरी तरह से रोकने में नाकाम हैं। ऐसे में कोरोना वायरस का नया रूप और भी घातक हो सकता है। वहीं ब्रिटेन में कोरोना वायरस के हालात पर नेताओं का कहना है कि सरकार को अभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए. क्योंकि ब्रिटेन अभी भी कोरोना की तीसरी लहर से उबर रहा है.