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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग तेज: कानून मंत्री ने वकीलों को बातचीत के लिए बुलाया, मेरठ में बेंच पर हो सकती है बात

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग तेज: कानून मंत्री ने वकीलों को बातचीत के लिए बुलाया, मेरठ में बेंच पर हो सकती है बात

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने वकीलों को दो दिन बाद 27 नवंबर को वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट की बेंच के मुद्दे पर फीडबैक लेने के लिए दिल्ली बुलाया है। यूपी चुनाव से पहले मंत्री की वेस्ट यूपी के वकीलों से ये मुलाकात अहम मानी जा रही है।Read Also:-उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच बंटवारे पर विवाद: मेरठ-आगरा ने मांगा हाईकोर्ट, प्रयागराज कहा नहीं; वेस्ट उत्तर प्रदेश में तेज हुआ वकीलों का आंदोलन

पीएम के प्रतिनिधि के तौर पर कानून मंत्री वकीलों से बात करेंगे और वेस्ट यूपी में बेंच की जरूरत और जनता के फायदे को समझेंगे। पश्चिम यूपी के 4 मंडलों के वकीलों का प्रतिनिधिमंडल मंत्री से करेगा मुलाकात गौरतलब है कि मेरठ समेत वेस्ट यूपी के 21 जिलों के वकील वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर 55 साल से आंदोलन कर रहे हैं।

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कम आबादी वाले राज्यों में भी हाईकोर्ट की बेंच
हाई कोर्ट बेंच सेंट्रल संघर्ष समिति वेस्ट यूपी के अध्यक्ष महावीर त्यागी की स्थापना का कहना है कि यूपी से कम आबादी वाले राज्यों में हाई कोर्ट बेंच हैं। विकास हमेशा से भेदभाव की राजनीति का शिकार रहा है। उत्तर प्रदेश में लोग सस्ते इंसाफ के लिए तरस रहे हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात, असम, कर्नाटक, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, दिल्ली, गोवा, मिजोरम, जम्मू और कश्मीर सभी राज्य यूपी से कम आबादी वाले हैं।

प्रधानमंत्री को काले झंडे दिखाने की थी योजना
पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर संघर्ष समिति के बैनर तले वकीलों ने 25 नवंबर को जेवर में प्रधानमंत्री के सामने धरना देने की घोषणा की थी। कानून मंत्री द्वारा संवाद आमंत्रित किए जाने के बाद वकीलों ने धरना स्थगित कर दिया है। समिति के अध्यक्ष महावीर त्यागी ने मीडिया को बताया कि 25 नवंबर को करीब 18 जिलों के वकील जेवर जाने वाले थे। चूंकि प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर कानून मंत्री ने हमारी बात सुनने का समय दिया है, इसलिए हम विरोध नहीं करेंगे, लेकिन इस दिन वकील काम नहीं करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में नहीं होंगे आगरा के वकील
वेस्ट यूपी में आगरा और मेरठ दोनों जिलों के बीच बेंच की स्थापना का विवाद भी गहराता जा रहा है। कानून मंत्री से मिलने वाले वेस्ट यूपी के वकीलों के प्रतिनिधिमंडल में मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, नोएडा के वकील शामिल होंगे, लेकिन आगरा के वकीलों को शामिल नहीं किया गया है। आगरा के वकील मांग कर रहे हैं कि बेंच आगरा में बनाई जाए, जबकि मेरठ के वकील वेस्ट यूपी के किसी जिले में बेंच चाहते हैं।

वकील बोले- जिंदगी बीत जाती है, इंसाफ नहीं मिलता
वकीलों का कहना है कि प्रयागराज से पश्चिम की दूरी 600 किमी से अधिक है। आम लोगों के लिए न्याय मुश्किल नहीं बल्कि असंभव हो गया है। हर दिन हजारों वकील और जनता मुकदमों के लिए प्रयागराज जाती है। तारीख चलती रहती है। 600 किमी दूर जाकर इंसाफ मांगना आम आदमी की पहुंच से बाहर है। ऐसे में आधे लोग बिना इंसाफ के खामोश हो जाते हैं। कई लोग तो कोर्ट की दहलीज तक भी नहीं पहुंचते।

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