सीबीएसई 12वीं का परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद छात्र डीयू में दाखिले के लिए अपना बेस्ट फोर जोड़ना शुरू कर देते हैं। डीयू ने छात्रों की सुविधा के लिए कटऑफ कैलकुलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई है। कैलकुलेटर बताएगा कि जिस विषय से छात्र ऑनर्स करना चाहता है उसका कटऑफ क्या होगा। इससे छात्र के लिए यह आसान होगा कि वह संबंधित विषय की कट-ऑफ और कॉलेजों की कट-ऑफ का मिलान करके उपयुक्त कॉलेज का चयन कर सके। यह कटऑफ कैलकुलेटर कटऑफ जारी होने के बाद इसके डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगा। हालांकि, डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कैलकुलेटर केवल छात्र की मदद कर सकता है, यह संभावित कटऑफ का काम करेगा। यह मददगार होगा लेकिन अंतिम नहीं।
छात्र बिना कैलकुलेटर के भी अपना कटऑफ जोड़ सकते हैं।
इसके लिए एक भाषा (कोर/इलेक्टिव/फंक्शनल) होनी चाहिए। छात्र जिस विषय से ऑनर्स करना चाहता है, उस विषय को उसके बेस्ट ऑफ फोर में जोड़ना होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र इतिहास के साथ ऑनर्स करना चाहता है, तो वह इतिहास के साथ भाषा और दो विषय ले सकता है जिसमें उसके अधिक अंक हों। ये उनके अकादमिक या वैकल्पिक विषय हो सकते हैं। छात्र फिर उन अंकों के योग को चार से विभाजित करेगा। जितने अंक आएंगे उतने प्रतिशत कटऑफ होंगे। यदि छात्र ने उस विषय का अध्ययन नहीं किया है जिसमें वह ऑनर्स करना चाहता है, तो उसके अंकों में से 2.5 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। यदि आप ऑनर्स कोर्स के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं, तो आपको एक भाषा और तीन अन्य शैक्षणिक/वैकल्पिक विषयों को शामिल करना होगा। बेस्ट ऑफ फोर का पता लगाने के लिए डीयू की लिस्ट ए भी देखी जा सकती है। इस सूची में शामिल विषयों को अकादमिक/वैकल्पिक माना जाएगा। यदि आप जिन विषयों को बेस्ट फोर में शामिल कर रहे हैं, वे इस सूची में नहीं हैं, तो आपको कुल अंकों में से 2.5 प्रतिशत अंक काटे जाएंगे। इसके बाद बेस्ट ऑफ फोर बनाया जाएगा।
साइंस में बेस्ट ऑफ फोर का कोई विकल्प नहीं होता है, इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री मैथ्स और फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी आदि के आधार पर मेरिट बनाई जाती है। विस्तृत जानकारी के लिए छात्रों को आवेदन करने से पहले संबंधित कोर्स के इंफॉर्मेशन बुलेटिन को जरूर देखें।