दिल्ली से मेरठ आने वाली बसों को करीब 11 किमी की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। यात्रियों का कहना है कि आवागमन बाधित होने से उन पर दोहरी मार पड़ी है। बता दें कि अब दिल्ली से मेरठ आने वाले यात्रियों को 101 रुपये की जगह 111 रुपये किराया देना होगा।
रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण कार्य के चलते दिल्ली मेरठ रूट पर आवागमन बाधित होने से सबसे ज्यादा गाज दिल्ली से मेरठ रोडवेज बस से सफर करने वाले यात्रियों पर गिरी है। रूट डायवर्जन होने से इस रूट पर चलने वाली रोडवेज की बसों का किराया 10 रुपये बढ़ा दिया गया है। इससे सफर तो लंबा हुआ है साथ ही यात्रियों की जेब पर आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है। दिल्ली से मेरठ आने वाली बसों को करीब 11 किमी की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। यात्रियों का कहना है कि आवागमन बाधित होने से उन पर दोहरी मार पड़ी है। बता दें कि अब दिल्ली से मेरठ आने वाले यात्रियों को 101 रुपये की जगह 111 रुपये किराया देना होगा।
दरअसल रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण कार्य के लिए मेवला फ्लाईओवर से बेगमपुल की तरफ जाने वाले ट्रैफिक का रूट बदला गया है। छोटे वाहनों को तो ट्रांसपोर्ट नगर से बागपत रोड होते हुए आने की अनुमति है, लेकिन दिल्ली से आने वाली रोडवेज बसों व अन्य भारी वाहनों को डायवर्जन के चलते अब कंकरखेड़ा से होते हुए भैंसाली बस अड्डे पर आना पड़ रहा है। इस दौरान रास्ते में बसों को अब छावनी परिषद का प्रवेश शुल्क भी देना पड़ रहा है।
इसी के चलते किराये में वृद्धि की गई है। मेरठ रीजन के आरएम केके शर्मा ने बताया कि विभाग ने रूट का सर्वे कराते हुए रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है। हालांकि सिर्फ दिल्ली से मेरठ आने का किराया ही बढ़ाया जा रहा है, मेरठ से दिल्ली की ओर आने वाली बसों के रूट में कोई बदलाव न होने के चलते किसी तरह की किराया वृद्धि नहीं की गई है। मेरठ से दिल्ली का किराया पहले की तरह ही 101 रुपये ही रहेगा।
भैसाली बस अड्डे से मेरठ और भैसाली डिपो की करीब 200 बसों का संचालन दिल्ली, कौशांबी, गाजियाबाद आदि के लिए होता है। इसके अलावा गाजियाबाद डिपो, कौशांबी डिपो, साहिबाबाद डिपो आदि के साथ ही हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड डिपो की भी बसें भैसाली अड्डे तक आती हैं। ये बसें अब एनएच-58 से होकर रोहटा रोड से जलीकोठी होकर भैसाली अड़्डे तक पहुंच रही हैं।