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अपनी जान देकर दिया जीवनदान: भतीजा रेलवे ट्रैक में फंसा था, ट्रेन के पास आते ही मासूम बच्चे की बुआ उसके ऊपर लेट गई,

अपनी जान देकर दिया जीवनदान: भतीजा रेलवे ट्रैक में फंसा था, ट्रेन के पास आते ही मासूम बच्चे की बुआ उसके ऊपर लेट गई,
अपनी जान देकर दिया जीवनदान: भतीजा रेलवे ट्रैक में फंसा था, ट्रेन के पास आते ही मासूम बच्चे की बुआ उसके ऊपर लेट गई,

मुरादाबाद में कटघर थाना क्षेत्र में एक युवती ने अपने भतीजे को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। तीन साल का भतीजा रेलवे ट्रैक में फंसा था। जब लड़की उसे बचाने में असमर्थ रही तो वह उसके ऊपर लेट गई। देखते ही देखते ट्रेन उन दोनों के ऊपर से गुजर गई। इसमें बच्चे की जान तो बच गई, लेकिन बच्ची के शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को एकत्र कर पोस्टमार्टम कराया।

भतीजे आरव (तीन) की जान बचाने वाली शशिबाला (20) कुंदरकी थाना क्षेत्र के हुसैनपुर गांव की रहने वाली थी। बच्ची के पिता मेवाराम ने बताया कि आठ दिसंबर को शशिबाला की मां की लड़की कविता पुत्री ओमप्रकाश की शादी भैंसिया में थी. लड़की अपने पिता के साथ शादी समारोह में शामिल होने आई थी।

विदाई के बाद गुरुवार की शाम परिवार की महिलाओं के साथ मंढा सिराने भैंसिया गांव के पास मुरादाबाद-लखनऊ रेलवे लाइन पार कर तालाब की ओर गई थी। जहां से लौटते समय युवती के ममेरे भाई आनंद प्रकाश का तीन वर्षीय पुत्र आरव पुल पर रेलवे लाइन में फंस गया। इस दौरान एक तेज रफ्तार ट्रेन हॉर्न बजाकर मुरादाबाद की ओर आ रही थी। इससे पहले कि वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते, शशिबाला तेजी से ट्रैक पर पहुंच गई।

पहले तो उसने बच्चे को पटरी से निकलने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। तब तक ट्रेन करीब आ चुकी थी। यह देख शशिबाला बच्चे के ऊपर ही पटरी पर लेट गई। उन दोनों के ऊपर से एक तेज रफ्तार ट्रेन गुजर गई। ट्रेन के गुजरते ही सन्नाटा छा गया। शशिबाला के साथ जा रही महिलाओं ने मौके पर जाकर देखा कि बच्चा सुरक्षित ट्रैक पर पड़ा है, जबकि युवती के शरीर के कई टुकड़े हो चुके हैं।

मृतका की फाइल फोटो

इस हादसे से शादी घर में कोहराम मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और युवती के शव के टुकड़े एकत्र कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कटघर थाना प्रभारी आरपी शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।Read Also:-मेरठ: जूनियर डॉक्टरो ने किठौर विधायक के स्टाफ बंधक बना कर की पिटाई, एक निलंबित

12 साल पहले हुआ था मां का निधन, पिता का ही एक सहारा थीं शशिबाला
कुंदरकी थाना क्षेत्र के हुसैनपुर निवासी मेवाराम मजदूरी का काम करता है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी आशा की 12 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। उस समय शशिबाला महज आठ साल की थीं। बेटी की अच्छी परवरिश और भविष्य में उसे किसी तरह की परेशानी न हो, यह सोचकर उसने दूसरी शादी भी नहीं की। लड़की अपने पिता का एकमात्र सहारा थी।

बेटी की शादी की तैयारी कर रहा था मेवाराम
बेटी की मौत से मेवाराम पूरी तरह टूट गया है। उनका कहना है कि बहुत खुशी ख़ुशी के साथ वह अपनी बेटी के साथ शादी समारोह में शामिल होने गए थे, लेकिन यह नहीं पता था कि मैं जिस बेटी को अपने साथ ले जा रहा हूं। लौटने पर उसका शव लाना होगा। मेवाराम का कहना है कि उन्होंने बेटी की शादी की तैयारी शुरू कर दी थी। रिश्ता तय करने के तुरंत बाद शादी करने की तैयारी थी।

मासूम बच्चा भी हुआ घायल
इस हादसे में बच्चा आरव भी घायल हुआ है। उसके चेहरे पर पत्थर से चोट लगी है। हादसे के बाद से बच्चा एकदम गुमसुम सा है। पिता आनंद प्रकाश एक निजी अस्पताल में बच्चे का इलाज करवा रहे हैं।

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