मध्य प्रदेश में पहली बार किसी महिला पुलिस कांस्टेबल को सरकार ने जेंडर परिवर्तन कराने की अनुमति दी है। राज्य के गृह विभाग ने बुधवार को इसके लिए अनुमति पत्र जारी किया। जेंडर परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिला की पहचान पुरुष कांस्टेबल के रूप में की जाएगी। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने कहा कि मध्यप्रदेश में यह पहला मामला है, जिसमें सरकार ने अपने किसी कर्मचारी को जेंडर परिवर्तन की अनुमति दी है।Read Also:-उत्तर प्रदेश मुफ्त राशन योजना: उत्तर प्रदेश में गेहूं और चावल के साथ आज से मिलेगा ये मुफ्त सामान, जाने कैसे उठा सकते हैं लाभ
डॉ. राजौरा ने बताया कि महिला आरक्षक अमिता (बदला हुआ नाम) राज्य के एक जिले में पदस्थापित है। उन्हें बचपन से ही ‘जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर’ की समस्या थी। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों ने की। इस बीमारी के कारण उसका शरीर और यौन स्वभाव बेमेल लग रहा था। कांस्टेबल ने जेंडर परिवर्तन के लिए पुलिस मुख्यालय में आवेदन किया था। मुख्यालय ने इसके लिए गृह विभाग से अनुमति मांगी थी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1 दिसंबर को अनुमति दी गई। अब महिला कांस्टेबल लजेंडर चेंज करवा सकेगी।
आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया क्या है?
आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया वाला लड़का लड़की की तरह व्यवहार करता है और लड़की लड़के की तरह व्यवहार करती है। दोनों विपरीत जेंडर के अनुसार अपना जीवन जीना चाहते हैं। दोनों खुद के विपरीत व्यवहार करने में अधिक सहज महसूस करते हैं। मध्य प्रदेश की महिला कांस्टेबल भी पुरुषों की तरह ही ड्यूटी करती है।
इसके लक्षण कब दिखने लगते हैं?
कुछ बच्चों में आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिस्फोरिया के लक्षण बचपन से ही दिखने लगते हैं, लेकिन ज्यादातर रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि ये आदतें 10-12 साल के बच्चों में आसानी से देखी जा सकती हैं। यदि वह एक पुरुष की तरह आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया से पीड़ित है, तो वह एक महिला की तरह कपड़े पहनता है, मेकअप करता है और हावभाव करता है। और स्त्री पुरुष के समान व्यवहार करती है। इस जेंडर परिवर्तन ऑपरेशन में लगभग 5-6 घंटे लगते हैं। इस दौरान स्तन, जननांग और चेहरे की सर्जरी की जाती है।
ऑपरेशन के बाद क्या बदलता है?
कुछ लोग इस सर्जरी के बाद सेक्स लाइफ को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है जो समस्या पैदा कर सके। ऑपरेशन के बाद लोगों की सेक्स लाइफ भी पहले की तरह सामान्य हो जाती है। जो पुरुष से महिला बनते हैं वे मां तो नहीं बन सकते, लेकिन सरोगेसी या बच्चा गोद ले सकते हैं। ऑपरेशन के बाद कम से कम एक साल तक हार्मोन थेरेपी लेनी पड़ती है। कुछ मामलों में, जीवन भर के लिए हार्मोनल थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है।
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