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Hindi Diwas 2021: महात्मा गांधी ने कहा था, हिंदी जनमानस की भाषा है

Hindi Diwas 2021: संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था लेकिन 1949 में 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। हालांकि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। 

Hindi Diwas 2021: महात्मा गांधी ने कहा था, हिंदी जनमानस की भाषा है

Hindi Diwas 2021 : आज 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मना रहे है। भारत में विशेष पहचान रखने वाली हिंदी भाषा का राजभाषा (official language Of India) का दर्जा 1949 में मिला था। हालांकि हिंदी को राजभाषा बनाने का कार्य कोई इतना आसान नहीं था। इसके लिए काफी दिनों तक आंदोलन हुए, रैलियां निकाली गई। इतना ही नहीं इस कड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका हमारे हिंदी के लेखक, साहित्यकारों की रही है। हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार और जाने-माने इतिहासकार व्यौहार राजेंद्र सिंह के अलावा हजारी प्रसाद द्विवेदी से लेकर काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविंद दास तक ने इस मुद्दे पर संसद में बहस की। आखिरकार 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा (constituent Assembly) ने हिंदी को राष्ट्र भाषा का के रूप में चुनने का निर्णय लिया।

14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस

महात्मा गांधी ने कहा था, हिंदी जनमानस की भाषा है। 1947 में जब भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ तो बहुभाषी इस देश में किसी एक भाषा को राजभाषा बनाने का संकट खड़ा हो गया। बहुत विचार-विमर्श किया गया। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कई पैरवियां हुईं। जिसके बाद व्यौहार राजेन्द्र सिंह के 50 वें जन्मदिन पर यानी 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में चुन लिया गया। यह निर्णय 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान (Indian Constitution) के लागू होने के साथ ही प्रभाव में आया। इसी के साथ देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (India’s First PM Pt. Jawahrlal Nehru) ने इस दिन के महत्व को दर्शाने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया

जानकारी के अनुसार हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ ही अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था लेकिन 1949 में 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। हालांकि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।  read more :11 सितंबर 1893 : स्वामी विवेकानंद का सिकागो में वह भाषण, जिसने पूरब को पश्चिम से मिलाया।

क्यो मनाते हैं हिंदी दिवस

 देखिए, प्रत्येक विशेष दिवस को मनाने के पीछे एक उद्देश्य होता है कि हम उसके बारे में याद करें, सीखे या उसका प्रचार-प्रसार करें। इस लिए हिंदी दिवस को मनाया जाता है। अभी भी देश में लगता है कि हिंदी के प्रसार की आवश्यकता है। क्योंकि कामकाज में अब ज्यादातर स्थानों पर अंग्रेजी ने अपनी जगह बना ली है। वहीं, कई राज्य ऐसे हैं जहां के लोगों की सोच हिंदी पर सामान्य नहीं रहती है। 

हिंदी दिवस पर प्रधानमंत्री ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी दिवस के अवसर पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि सभी के प्रयासों से यह भाषा वैश्विक मंच पर लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आप सभी को हिंदी दिवस की ढेरों बधाई। हिंदी को एक सक्षम और समर्थ भाषा बनाने में अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। यह आप सबके प्रयासों का ही परिणाम है कि वैश्विक मंच पर हिंदी लगातार अपनी मजबूत पहचान

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