शुक्रवार यानी 29 अक्टूबर की दोपहर को उनके मोबाइल पर उनकी दिवंगत मां को वैक्सीन की दूसरी खुराक लगने का बधाई मैसेज आया।
Meerut fake Vaccination: देश 100 करोड़ से ज्यादा टीकाकरण का जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री से लेकर ग्राम प्रधान तक देश की इस उपलब्धि का बखान कर रहे हैं। टीवी चैनलों से लेकर सड़कों पर होर्डिंग्स के जरिये भाजपा इस उपलब्धि को चुनाव प्रचार का हथियार बना रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बार फिर एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे देश में चल रहे टीकाकारण कार्यक्रम और सरकार के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।Read Also:-उत्तर प्रदेश में बदलने जा रहा है पेंशन मिलने का तरीका, जान लें क्या होगा नया नियम
दरअसल मेरठ में पिछले माह एक बुजुर्ग भाजपा नेता को पांच बार टीका लगने का प्रमाण पत्र (Vaccine Certificate Download)) जारी किया गया था, यह मामाल तो ठंडे बस्ते में चला गया था, लेकिन अब एक ऐसी महिला को टीके की दूसरी खुराक लगने प्रमाण पत्र जारी किया गया है जिनकी 6 माह पहले कोरेाना से मौत हो चुकी है। इस मामले के सामने आने के बाद मेरठ स्वास्थ्य विभाग फिर से जांच करने की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आ रह हैं।
25 अप्रैल को कोरोना के चलते हुआ था निधन
जानकारी के मुताबिक कैंट बोर्ड के वार्ड 6 की सदस्य मंजू गाेयल का बीती 25 अप्रैल को कोरोना के चलते निधन हो गया था। मंजू के पति दिनेश गोयल भी कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके हैं। मंजू के बेटे गौरव गोयल ने मीडिया को बताया कि उनकी माता ने 20 मार्च को कोरोना रोधी टीके की पहली खुराक ली थी, लेकिन इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर में वे संक्रमित हो गई थीं और 25 अप्रैल को उनका निधन हो गया था।
29 अक्टूबर को मिला दूसरा टीका लगने का संदेश
गौरव के मुताबिक उनकी मां की मौत हुए 6 महीने बीच चुके हैं, लेकिन शुक्रवार यानी 29 अक्टूबर की दोपहर को उनके मोबाइल पर उनकी दिवंगत मां को वैक्सीन की दूसरी खुराक लगने का बधाई मैसेज आया। पहले तो उन्होंने इसे गलती से आया मैसेज समझ लिया, लेकिन जब उन्होंने कोविन पोर्टल पर जाकर इसे चेक किया तो वहां पता चला कि स्वास्थ्य विभाग द्वार टीके की दोनों डोज लगने का प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है। ऐसे में गौरव ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से की।
सीएमओ कह रहे जांच कराने की बात
टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ के सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने भी इस खबर की पुष्टि की है ओर मामले की जांच करने के बाद ही कोई जवाब देने की बात कही है। हालांकि अपने बचाव में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि दो पहचान पत्र से टीका लगवाने वाले लोगों के साथ ऐसी गलतियां होती हैं, जबकि पूरा काम डिजिटल तरीके से हो रहा है।
बता दें कि मेरठ टीकाकरण में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले मेरठ के सरधना के धर्मपुरी के रहने वाले 63 साल के बुजुर्ग रामपाल को पांच बार टीका लगने का प्रमाण पत्र जारी हो चुका था, जबकि 6ठीं बार टीकाकरण के लिए उन्हें स्लॉट भी मिल गया था। उस वक्त भी मेरठ के सीएमओ ने मामले की जांच कराने की बात कही थी, लेकिन यह मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया और फर्जीवाड़ा सामने ही नहीं आ सका।
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