कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत 7 मई से होने जा रही है। सरकार ने कहा है कि –
- विदेशों से आने वाले भारतीयों को अपना किराया खुद वहन करना होगा।
- इसके अलावा उन्हें क्वारंटाइन का खर्च भी देना होगा।
- अलग-अलग देशों से आने वाले यात्रियों को 12 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक किराया देना होगा।
बाहर से आने वालो के लिए क्या हैं किराया
- लंदन से आने के लिए प्रति यात्री 50 हजार रुपए किराया तय किया गया है
- सिंगापुर से आ रहे लोगों को 18 से 20 हजार रुपए चुकाने होंगे।
- अमेरिका से आने वाले यात्रियों को सर्वाधिक 1 लाख रुपए खर्च करने होंगे।
- बांग्लादेश की राजधानी ढाका से आने वालो को सबसे कम 12 हजार रुपए का टिकट लेना होगा।
- दुबई से दिल्ली का किराया 13 हजार रुपए तय किया गया है
- अबु धाबी से हैदाराबाद तक सफर के लिए 15 हजार रुपए खर्च करने होंगे।
- जेद्दा से दिल्ली का किराया 25 हजार रुपए है।
- कुवैत से अहमदाबाद का सफर 14 हजार रुपए में किया जा सकता है
- कुवैत से हैदराबाद जाने वाले यात्रियों को 20 हजार का टिकट लेना होगा।
- सिंगापुर से दिल्ली का किराया 20 हजार रुपए है।
- मनीला से दिल्ली आने के लिए 30 हजार रुपए देने होंगे।
सरकार ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी तथा भारत में रह रहे उन व्यक्तियों के लिए मंगलवार को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जो अत्यावश्यक कारणों से विदेश की यात्रा करने के इच्छुक हैं।
एक सरकारी आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा –
विदेश से लौटने के लिए विवशता वाले ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां लोग संकट में हैं। उनमें नौकरी से निकाले जा चुके प्रवासी कामगार तथा वे लोग भी शामिल हैं जिनकी अल्पावधि वीजा की समयसीमा बीत गई है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि –
आपात चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों तथा परिवार के सदस्य की मौत की वजह से भारत लौटने को इच्छुक लोगों एवं विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा यात्रियों को ही यात्रा का भाड़ा देना होगा।
प्राप्त पंजीकरण प्रविष्टियों के आधार पर विदेश मंत्रालय ऐसे यात्रियों का उड़ान या जहाज के हिसाब से डाटाबेस तैयार करेगा जिसमें उनके नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल फोन नंबर, निवास स्थान, गंतव्य और पीसीआर परीक्षण एवं उसके परिणाम की सूचना शामिल होगी।