भारतीय सुरक्षा एजेंसियों (Indian security agencies) ने अलर्ट जारी कर बताया है कि कम से कम छह आतंकी संगठनों (terrorist organizations) के जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराई है।
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकी गतिविधियों के बेतहाशा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों (security agencies) की मानें तो अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के प्रभाव के बाद पड़ोसी देशों में आतंकी संगठनों का मनोबल बढ़ा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों (Indian security agencies) ने अलर्ट जारी कर बताया है कि कम से कम छह आतंकी संगठनों (terrorist organizations) के जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराई है। सबसे नींद उड़ाने वाला इनपुट यह है कि राज्य के करीब 60 युवा अचानक से गायब हैं। एजेंसियों को शक है कि ये युवा आतंकी समूहों के बहकावे में आ गए हैं या आ सकते हैं।
घर पर बताकर निकले कि किसी काम से जा रहे
जम्मू-कश्मीर से गायब कम से कम 60 युवाओं के घर से जो सूचना एजेंसियों ने एकत्र की है, उसके मुताबिक अधिकतर कोई न कोई बहाना बनाकर घर से निकले हैं। इन लोगों ने काम से जाने या काम ढूंढ़ने का बहाना बनाकर घर छोड़ा है। कश्मीर के सीनियर पुलिस अफसर विजय कुमार कहते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में युवकों के गायब होने से चिंता बढ़ गई है। हम इन भटके या बहकावे में आए युवकों से अपील कर रहे हैं कि वे हिंसा का रास्ता न अख्तियार करें और मुख्यधारा में लौटें।
पिछले कुछ महीनों में घाटी में हिंसा बढ़ी
जम्मू-कश्मीर को लेकर चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि बीते एक महीने में ट्रेंड बदला है और जो घाटी बीते कुछ सालों से शांत थी, वहां एक महीने में हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसे अफगानिस्तान में तालिबान का राज स्थापित होने से भी जोड़कर देखा जा रहा है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा, ‘बीते एक महीने से हर दिन कोई हमला होता है। चाहे यह अटैक सिक्योरिटी फोर्सेज पर हो या फिर राजनीतिक नेताओं पर हो रहा हो।‘
एलओसी पर आतंकी कैंप फिर हुए आबाद
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लॉन्च पैड्स पर आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिसमें पाकिस्तान से सीजफायर के बाद से ही कमी देखी जा रही थी। एजेंसियों का कहना है कि कम से कम 300 आतंकियों ने एक बार फिर से लाइन ऑफ कंट्रोल के आसपास कैंपों में कब्जा जमा लिया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि हम अलर्ट पर हैं और हालात से निपटने को तैयार हैं।
सोशल मीडिया पर तालिबान को बधाई या समर्थन देने से भी चिंता
सिक्योरिटी फोर्सेस एक अधिकारी ने कहा कि बीते करीब दो सप्ताह से तालिबान को बधाईयां देने वाले संदेश भी सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं। यह भी चिंताएं बढ़ाने वाली बात है। जम्मू-कश्मीर में एजेंसियों ने बीते 15 दिनों में करीब 10 अलर्ट जारी किए हैं। 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया था। उसके बाद से ही यह माना जा रहा है कि तालिबान का समर्थन करने वाले और भारत पर निशाना साधने वाले लोग एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं।
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