झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत के रोपवे पर हुए हादसे में 24 घंटे बाद भी 18 लोगों की जान फँसी हुई है। सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ ने इन्हें मुश्किल से निकल ने का बीड़ा उठाया है। सोमवार की दोपहर 12 बजे एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से फिर से रेस्क्यू शुरू किया गया। अब तक 30 तीर्थयात्रियों को बचा लिया गया है। दो लोगों की मौत हो गई।Read Also:-मेरठ : खाई में कार पलटने से एक की मौत, तीन हुए घायल, ब्रेजा कार से रात को खाना खाने होटल गए थे 4 दोस्त,
हादसा रविवार शाम 4 बजे हुआ जब पहाड़ पर बने मंदिर की ओर एक साथ 26 ट्रॉलियों को रवाना किया गया। जिससे अचानक तारों पर लोड बढ़ गया और रोलर टूट गया। तीन ट्रालियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रालियां नीचे गिर गईं। इसमें सवार 12 लोग घायल हो गए और दो लोगों की मौत हो गई। उधर, बाकी ट्रालियां आपस में टकराकर रुक गईं। कुछ ट्रॉलियां अभी भी फंसी हुई हैं, जिनमें 21 श्रद्धालु अभी भी सवार हैं। इनमें छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं।
देवघर के एसपी सुभाष चंद्र जाट ने मीडिया से कहा, ‘अगले 3 घंटे में सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को बाहर निकालना और राहत और बचाव कार्यों में शामिल लोगों को सुरक्षित रखना है। दोनों मोर्चों पर एक साथ रणनीति पर काम किया जा रहा है।
रात भर भूखे-प्यासे इन ट्रॉलियों में करीब 48 लोग फंसे रहे, डर को खत्म करने के लिए आपस में बात कर रहे थे। बचाए गए लोगों ने बताया कि हम डर खत्म करने के लिए आपस में बात करते रहे। हम सब रात भर सो नहीं पाए। भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि हम कैसे बच सकते हैं।
सेना ने सोमवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। वायुसेना का हेलीकॉप्टर सुबह करीब साढ़े छह बजे पहुंचा। इसमें कमांडो भी मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पहले हवाई सर्वे किया गया। केबिन में फंसे लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचाने का प्रयास किया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी मुश्किल हो रही है
बचाव में सेना को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंसी हुई हैं। नीचे खाई। जैसे ही हेलीकॉप्टर उनके पास ले जाया जाता है, तेज हवा के कारण वे हिलने लगते हैं। एयरलिफ्ट बहुत सावधानी से की जा रहा है। कुछ लोगों को रस्सियों की मदद से बचाया गया।
त्रिकुटा पर्वत पर हर साल हजारों लोग आते हैं दर्शन
त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद का आश्रम त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित है। हर साल हजारों लोग यहां पिकनिक मनाने और मंदिर के दर्शन करने जाते हैं। इसके लिए यहां रोपवे बनाया गया है। यह झारखंड में एकमात्र और बिहार झारखंड में सबसे ऊंचा रोपवे है। यहां तक पहुंचने के लिए एक-एक ट्रॉली में 4-4 लोगों को ऊपर भेजा जाता है।
रोपवे चलाने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा
झारखंड के पर्यटन मंत्री हाफिजुल हसन ने कहा कि रोपवे का संचालन करने वाले दामोदर वैली कार्पोरेशन को काली सूची में डाल दिया जाएगा। सैप कैसे टूट गया, उसका रख-रखाव कैसे चल रहा था, इन सभी बिंदुओं की जांच की जाएगी। आने वाले समय में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए वैकल्पिक सड़क बनाई जाएगी।
दो तरह से ऑपरेशन
सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ दो तरह से बचाव अभियान चला रही है। पहला- वायु सेना ट्रॉली में फंसे तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर से हवाई अड्डे तक पहुंचा रही है। वहीं सेना और एनडीआरएफ रोपवे के तारों में रस्सियां बांधकर श्रद्धालुओं को नीचे उतार रहे हैं।
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