Home Breaking News 58 घंटे के प्रतिबंध से आम उत्पादकों को फिर लगा झटका

58 घंटे के प्रतिबंध से आम उत्पादकों को फिर लगा झटका

58 घंटे के प्रतिबंध से आम उत्पादकों को एक बार फिर से झटका लगा है। पहले से ही मंदी से जूझ रहा फलों का राजा आम ग्राहकों की कमी के कारण कम ही बिक रहा है। उत्पादकों की मानें तो इस बार मुनाफा तो दूर लागत निकालना भी दुभर हो सकता है। अब प्रतिबंध ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है।

किठौर-शाहजहांपुर फलपट्टी में आम की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। सैकड़ों नस्लों के आम यहां आसानी से मिल जाएंगे। यहां कुल किसानों में आम का उत्पादन करने वाले किसानों की तादाद तकरीबन 90 फीसदी है। आम उत्पादन यहां के किसानों के लिए आमदनी का मुख्य स्रोत है, लेकिन इस बार आम उत्पादकों के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

राधना के वकील बताते हैं कि प्रतिबंध के कारण दूसरे प्रदेशों में आम नहीं पहुंच पा रहा। किसान स्थानीय मंडियों में जैसे-तैसे करके अपना माल बेच रहे थे। इन दिनों आम अपने चरम पर है। अब 58 घंटे के प्रतिबंध आम उत्पादकों की कमर ही तोड़ देगा।

नंगली के अनिल कुमार ने बताया कि प्रतिबंध से स्थानीय मंडियों में ग्राहक नहीं पहुंचेगा। उसकी वजह ये है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे, तो आम खरीदगा कौन।

Exit mobile version