महाराष्ट्र के नासिक में एक सरप्राइज कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां दो अलग-अलग धर्मों के युवक और युवतियां शादी करना चाहते थे। इस पर उनके परिवार ने भी हामी भरी थी, लेकिन समाज के कुछ ठेकेदारों ने इस पर आपत्ति जताई। शादी का कार्ड देखकर उन्होंने इसे लव-जिहाद बताया। शादी का इतना विरोध हुआ कि लड़का-लड़की और उनके परिवार को समाज के सामने झुकना पड़ा और दोनों ने अपनी शादी कैंसिल कर दी।
दोनों के परिवार अभी भी लड़के और लड़की के साथ
लड़की के पिता प्रसाद अदगांवकर ज्वेलरी के कारोबार से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि दोनों परिवारों की रजामंदी और मौजूदगी से लड़के और लड़की की शादी नासिक कोर्ट में दर्ज करा दी गई है। परिवार इस शादी को 18 जुलाई को पूरे रीति-रिवाज से करने की कोशिश कर रहा था। इसके लिए नासिक में एक बड़ा होटल भी बुक किया गया था। इस मामले में जबरन शादी जैसा कुछ नहीं है। पिता ने बताया कि इन सबके बावजूद वह अपनी बेटी के साथ खड़े हैं और उन्हें उसकी पसंद पर पूरा भरोसा है।
दोनों परिवार एक दूसरे को कई वर्षों से जानते हैं
अडगांवकर ने आगे कहा, ‘रसिका विकलांग है और इस वजह से परिवार को उसके लिए एक अच्छा लड़का ढूंढना मुश्किल हो रहा था। हाल ही में रसिका के साथ पढ़ने उस के दोस्त आसिफ खान उसने ने अपनी मर्जी से शादी करने का फैसला किया। दोनों के परिवार एक-दूसरे को कई सालों से जानते हैं इसलिए दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो गए।
व्हाट्सएप पर वायरल हुआ कार्ड
प्रसाद अडगांवकर के मुताबिक, कोरोना के खतरे को देखते हुए वह केवल परिवार और कुछ करीबी लोगों को ही इस शादी में आमंत्रित करना चाहते थे, लेकिन इससे पहले शादी के कार्ड कई व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित किए गए थे। इसके बाद उन्हें फोन कॉल और कार्यक्रम रद्द करने की धमकी देने वाले मैसेज आने लगे। 9 जुलाई को उन्हें कुछ लोगों ने उनसे मिलने के लिए बुलाया था। वहां उन्हें शादी रद्द करने के लिए कहा गया।
पीड़िता के परिवार ने दर्ज नहीं कराया मामला
इतने विवाद के बावजूद प्रसाद या उनके परिवार की ओर से किसी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. लाड सुवर्णाकर संस्था नासिक के अध्यक्ष सुनील महलकर ने कहा कि कुछ दिन पहले हमें प्रसाद का एक पत्र मिला, जिसमें लिखा था कि उनकी बेटी की शादी रद्द कर दी गई है. हालांकि अभी तक लड़के के परिवार ने इस मामले को लेकर चुप्पी साध रखी है।