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मेरठ: हरिद्वार से गंगा में छोड़ा 3.25 लाख क्यूसेक पानी, वेस्टर्न उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे बढ़ा बाढ़ का खतरा, 100 से ज्यादा गांव प्रभावित होंगे

मेरठ: हरिद्वार से गंगा में छोड़ा 3.25 लाख क्यूसेक पानी, वेस्टर्न उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे बढ़ा बाढ़ का खतरा, 100 से ज्यादा गांव प्रभावित होंगे

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के चलते गंगा में पानी बढ़ गया है. पिछले 24 घंटे में पानी 8 गुना बढ़ गया है। मंगलवार की सुबह हरिद्वार बैराज से 3 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है. मंगलवार देर शाम तक यह पानी यूपी के बिजनौर और मेरठ पहुंच जाएगा। वहीं, बिजनौर बैराज से सुबह 1 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. यूपी के मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा जिलों में गंगा तट पर 100 से ज्यादा गांव प्रभावित होंगे. मेरठ जिले के 13 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.Read Also:-बारिश का तांडव जारी : उत्तराखंड में 5 लोगों की मौत, नदी का पुल पानी के तेज़ उफान में बह गया; केरल में बांध के गेट खोले गए., देंखें विडिओ

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3.25 लाख क्यूसेक पानी का होगा कहर
सिंचाई विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक सोमवार तक 40 हजार क्यूसेक पानी गंगा में बह रहा था. मंगलवार सुबह छह बजे हरिद्वार से 2 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं हरिद्वार से मंगलवार सुबह आठ बजे तक 3 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. हरिद्वार से छोड़ा गया पानी मंगलवार शाम तक यूपी के बिजनौर की सीमा तक पहुंच जाएगा.

सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हरिद्वार से छोड़ा गया पानी 14 घंटे में मेरठ के हस्तिनापुर इलाके में पहुंच जाता है. हरिद्वार से 3.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ते ही बिजनौर बैराज से एक लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. अधिकारियों का कहना है कि 3.5 लाख क्यूसेक पानी गंगा किनारे बसे गांवों में प्रवेश करेगा. इन गांवों में लगातार हो रही बारिश ने पहले ही फसलों को नुकसान पहुंचाया है।

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तटबंध में दरार, बाढ़ जैसे हालात बनेंगे
गंगा के हस्तिनापुर क्षेत्र में मेरठ की ओर 10 किमी लंबे तटबंध में दरार आने लगी है. इस तटबंध की मिट्टी भी उखड़ गई है। ऐसे में ग्रामीणों की चिंता लगातार बढ़ने लगी है. ग्रामीणों का कहना है कि 19 जून को ही बिजनौर बैराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद 10 से अधिक गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई थी. जहां गांवों के संपर्क मार्ग भी जलमग्न हो गए। पिछले 48 घंटों में हुई भारी बारिश ने एक बार फिर ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है.

खादर क्षेत्र में डूबी फसल
गंगा के खादर इलाके में बारिश से फसल भी डूब गई है. सबसे ज्यादा नुकसान खादर क्षेत्र में धान की फसल को हुआ है। कटी हुई धान की फसल बारिश के पानी में डूब गई है, जबकि खेत में खड़ा धान बारिश के कारण गिर गया है. खादर इलाकों में बारिश और तेज हवा के कारण गन्ना भी गिरा है. सब्जियों को नुकसान पहुंचा है। बोई गई सरसों की फसल बर्बाद हो गई है। 20 दिनों के बाद अगली फसलों की बुवाई में देरी हुई।

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यह गांव होगा प्रभावित
हस्तिनापुर क्षेत्र में गंगा का तटबंध कभी भी टूट सकता है। ऐसे में इन गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन जाएंगे. जहां गांवों का संपर्क कटने से ये गांव पानी में डूब जाएंगे। ये गांव हैं मखदुमपुर, हरिपुर, राठौरा कदला, दाबखेड़ी, हसापुर, परसापुर, सिरजापुर, दुधली, भीमकुंड, किशनपुर, लतीफपुर, किशोपुर. इनके अलावा मुजफ्फरनगर जिले के कई गांव और हापुड़ के गढ़ क्षेत्र के गांव भी प्रभावित होंगे.

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