भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को मेडिकल थाने में जमकर हंगामा किया। थाने के बाहर बैनर लगा दिया गया था। जिसमें लिखा था- बीजेपी कार्यकर्ताओं को थाने में आना मना है। साथ ही मेडिकल थाने के निरीक्षक संत सरन सिंह का नाम लिख गया। पूरे मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं और अराजक तत्वों ने खुद पुलिस की छवि खराब करते हुए बैनर लगा दिया। पूरे मामले में एसएसपी ने बैनर लगाने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।Read Also:-बागपत : गेटवे इंटरनेशनल स्कूल के बाहर फायरिंग, प्रिंसिपल समेत 4 लोग घायल, 4 आरपियों को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद किया गिरफ्तार
परिवार का मसला था
मेडिकल थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं ने निरीक्षक पर कार्यकर्ताओं से अभद्रता का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर सीओ सिविल लाइन देवेश सिंह को मौके पर पहुंचना पड़ा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा कार्यकर्ता शंभू पहलवान ने बताया कि मसूरी गांव की रहने वाली महिला के ससुराल मेडिकल क्षेत्र में ही आती हैं।
कुछ महीने पहले महिला के पति की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद ससुराल वालों ने महिला की सुध नहीं ली। महिला ने अपने दो बच्चों को पालने के लिए ससुराल से पति का हिस्सा मांगा तो वह अभद्रता पर उतर आये। लंबे समय से मेडिकल थाने में विवाद का मामला चल रहा था। महिला का देवर लगातार परेशान कर रहा है।
इंस्पेक्टर को धमकाया
भाजपा कार्यकर्ताओं ने इंस्पेक्टर संत शरण सिंह को धमकाया और कहा कि मंत्री सोमेंद्र तोमर को फोन कर रहे हैं। जिसके बाद कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी। कुछ कार्यकर्ताओं ने थाना परिसर में खड़े होकर हंगामा किया तो निरीक्षक ने उन्हें यहां हंगामा नहीं करने को कहा। इस पर कार्यकर्ता भड़क गए और इंस्पेक्टर को के साथ नोकझोक करने लगे।
मुकदमा हुआ दायर
इस संबंध में शुक्रवार रात नौ बजे एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने वीडियो बयान जारी कर कहा कि भाभी और देवर के मामले में कुछ लोग एक पक्ष का बचाव करने आए थे। इंस्पेक्टर ने समझाया तो कुछ अराजक तत्वों ने थाने के बाहर एक पार्टी के बैनर लगा दिया। पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी बैनर पर ट्वीट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कविता के रूप में सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश ने लिखा, ‘ ऐसा पहली बार हुआ है इन पाँच-छह सालों में, सत्तापक्ष के लोगों का आना मना हुआ थानों में, ये है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का बुलंद इक़बाल! अखिलेश के ट्वीट पर तरह-तरह के रिएक्शन भी आ रहे हैं। हालांकि मामला कुछ और ही बताया जा रहा है।
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