बताया जा रहा है कि इस साल मार्च और जनवरी में भी पूनम ने आत्मदाह का प्रयास किया था। उसका अपने पति से भी विवाद है और बीते 4 साल से मायके में ही रह रही है।
उत्तरप्रदेश के मेरठ में एक महिला ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए महिला को बचाया। बताया जा रहा है कि महिला गांव के कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है और कार्रवाई न होने पर पुलिस को आत्मदाह की धमकी दे रही थी। वह पहले भी 2 बार आत्मदाह का प्रयास कर चुकी है। शुक्रवार को भी उसने पहले पुलिस को फोन किया और पुलिस के पहुंचते ही आग लगा ली और इसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर कर दी।
महिला का नाम पूनम शर्मा है और वह खरखौदा थाना क्षेत्र के फफूंडा गांव की रहने वाली है। बताया जा रहा है कि उसके गांव में 2 तालाब हैं और दोनों पर ही अवैध कब्जा हो चुका है, कई लोगों ने तालाब पर ही अपना मकान बना लिया है। इसके अलावा गांव में सट्टाखोरी और अवैध हथियार तस्करी का भी काम हो रहा है। पूनम का आरोप है कि वह इन सब गलत धंधों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कई बार पुलिस-प्रशासन से शिकायत कर चुकी, लेकिन पुलिस हर बार उसकी शिकायत को अनसुना कर देती है।
पूनम ने बताया कि वह मुख्यमंत्री तक से गांव में हो रही गलत गतिविधियों की शिकायत कर चुकी है, लेकिन वहां से भी किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। उधर फफूंडा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि पूनम झूठा आरोप लगाकर कई लोगों को जेल भिजवा चुकी है और उनसे बदसलूकी करती है। सोमवार को गांव में आयोजित पंचायत में भी पुलिस के सामने ग्रामीणों ने पूनम पर अवैध वसूली का आरोप लगाया था। वहीं गुरुवार को गांव की महिलाएं भी खरखौदा थाने में पूनम के ख़िलाफ़ शिकायत की थी।
शुक्रवार को महिला पूनम शर्मा ने पुलिस को सूचना दी कि वह आत्मदाह करने जा रही है। सूचना पर तुरंत डायल 112 और खरखौदा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर पूनम ने घर का दरवाजा बंद कर लिया और अपने एक हाथ पर कपड़ा लपेटकर उसपर केरोसिन उड़ेल कर आग लगा ली। पुलिस ने जैसे-तैसे दरवाजा खोलकर आग बुझाई।
बताया जा रहा है कि इस साल मार्च और जनवरी में भी पूनम ने आत्मदाह का प्रयास किया था। उसका अपने पति से भी विवाद है और बीते 4 साल से मायके में ही रह रही है।
CO बृजेश सिंह व एसडीएम भी घटना की जानकारी पर मौके पर पहुंचे। सीओ का कहना है कि गांव में तालाब पर कब्जे का जो मामला है वह न्यायालय में विचाराधीन है। और तालाब की जो जमीन बताई जा रही है पर 20 साल से अधिक पुराने समय से मकान बने हुए हैं। गांव में सट्टा चलाने वाले 7 लोगों को पूर्व में जेल भेजा जा चुका है। महिला गलत तरह से आरोप लगा रही है। मजिस्ट्रेट ने पीड़िता के बयान दर्ज किए हैं।