क्रूज ड्रग्स मामले के बाद फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के साथ सेल्फी लेने और एनसीबी रेड में शामिल किरण गोसावी की मेरठ पुलिस तलाश कर रही है। किरण की कथित पत्नी और पिता पर भी धोखाधड़ी का आरोप है। उनके खिलाफ मेरठ के सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। अब किरण की गिरफ्तारी की खबर के बाद मेरठ पुलिस ने मुंबई पुलिस को सूचना दी है।Read Also:-मेरठ : मुख्यमंत्री के दौरे से पहले रेलवे स्टेशन उड़ाने की मिली धमकी स्टेशन मास्टर को डाक से मिला पत्र, लिखा है- हम जिहादियों को मारेंगे
मेरठ के रहबर रजा ने बताया कि उन्होंने 17 अक्टूबर 2019 को फेसबुक पर किरण गोसावी का पेज फेसबुक पेज देखा था। केपी इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट सर्विसेज के नाम से बनाए गए इस पेज पर सिर्फ किरण की फोटो थी। रहबर रजा ने बताया कि उन्होंने किरण से संपर्क किया। उस समय नोएडा में एक ऑफिस किरण ने किराए पर लिया था। उसी पते पर संपर्क किया गया था।
किरण ने तीन देशों में अपनी जॉब प्लेसमेंट कंपनी का लाइसेंस बताया था। रहबर ने बताया कि उसने मेरठ में उसी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के लिए किरण को 10 लाख रुपये दिए थे। इसके अलावा दो लोगों अमित और सुधीर को मलेशिया भेजने के नाम पर कुछ पैसे भी हड़प लिए गए। इसके अलावा किरण ने रहबर के भाई असद रजा से भी चार लाख की रकम ली थी।
कोर्ट के आदेश पर शिकायत दर्ज़
रुपये लेने के बाद आरोपी किरण फरार हो गया। रहबर ने कोर्ट की शरण ली। सिविल लाइंस थाने में रहबर की शिकायत पर वर्ष 2020 में किरण गोसावी, उनकी कथित पत्नी शीतल गोसावी और पिता प्रकाश गोसावी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में किरण और उसका परिवार वांछित है।
किरण ठाणे की रहने वाला हैं
किरण गोसावी ने केपी इंटरनेशनल सर्विसेज और केपी इंटरनेशनल जॉब प्लेसमेंट सर्विसेज नाम की कुछ कथित प्लेसमेंट एजेंसी बनाई है। किरण गोसावी मूल रूप से 201/ए नीलकंठ घाटी, ठाणे पश्चिम महाराष्ट्र की रहने वाला बताया जाता है। आधार कार्ड में उनके पिता का नाम प्रकाश गोसावी भी दर्ज है। रहबर ने मेरठ पुलिस को किरण के आधार कार्ड और पैन कार्ड समेत कई दस्तावेज मुहैया कराए हैं। पुलिस अब किरण को बी-वारंट पर मेरठ लाएगी।
पिता ने अपने को सेना का अधिकारी बताया
किरण के पिता भी पैसे लेने मेरठ आए थे। रहबर ने बताया कि चेक किरण के पिता प्रकाश गोसावी को उनकी ओर से दिया गया। इस दौरान किरण के पिता ने खुद को एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी बताया था। उन्हें आश्वासन दिया गया कि सभी काम कानून के दायरे में और बेहतर तरीके से किए जाएंगे।
मुनाफे में 10 फीसदी हिस्सेदारी तय हुई थी
रहबर ने बताया कि उन्होंने कंपनी के साथ जो समझौता किया था उसमें 10 फीसदी हिस्सेदारी तय थी। हालांकि रुपये लेने के बाद आरोपी फरार हो गया। मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ हो गए। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया गया।
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