मेरठ कैंट में एक बार फिर तेंदुए के आने का डर बना हुआ है। कैंट क्षेत्र में पीएसी के पास तेंदुए के देखे जाने की सूचना है। सेना ने वन विभाग को सूचना दी थी कि उस इलाके में एक तेंदुआ है। सूचना पर वन विभाग की टीम ने इलाके में तलाशी शुरू कर दी है।Read Also:-मेरठ : गंगनहर में डूबने से हुई सिपाही की मौत, रिश्तेदारी मिलने आया था, दूसरे दिन भोला झाल से हुआ शव बरामद
तेंदुआ पकड़ने के लिए लगा पिंजरा
जैसे ही वन विभाग की टीम को तेंदुए की सूचना मिली, उन्होंने टीम बनाकर उन्हें फील्ड में उतर दिया। ताकि तेंदुए को समय रहते पकड़ा जा सके। इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह तेंदुआ है। क्योंकि किसी सीसीटीवी फुटेज में तेंदुआ नजर नहीं आ रहा है।
एहतियात के तौर पर वन विभाग ने तलाशी शुरू कर दी है। तेंदुए को पकड़ने के लिए जगह-जगह जाल बिछाए गए हैं। एक पिंजरा भी लगाया गया है। ताकि तेंदुआ इस तरफ आ जाए तो पिंजरे में फंस जाए। इसके साथ ही टीमें अपने स्तर पर क्षेत्र में तेंदुए को खोजने का भी प्रयास कर रही हैं। यदि तेंदुए के पैरों के मार्क देखे जाएं तो उसके आधार पर उसकी मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।
4 अप्रैल को मिला था तेंदुआ शावक
किठौर क्षेत्र के एक गेहूं के खेत में चार अप्रैल को तेंदुए का शावक मिला था। यह शावक अपनी मां से बिछुड़ कर खेत पर आ गया था। खेत में काम कर रहे किसानों ने शावक को बिल्ली समझा और घर ले आए। बाद में पूरे गांव ने इस शावक के साथ खूब सेल्फी ली और उसे खूब खिलाया पिलाया।
शावक के मिलने की सूचना वन विभाग को दी गई तो पता चला कि यह बिल्ली नहीं बल्कि तेंदुए का बच्चा है। जो अपनी मां से बिछड़ गया है। बाद में वन विभाग ने इस शावक को उसकी मां से मिलाने की पूरी कोशिश की, लेकिन शरीर में इंसानी गंध बसने के कारण मादा तेंदुआ बच्चे को पहचान नहीं पाई और बार-बार बच्चे के पास आ कर वापस लौट गई। आखिरकार उस शावक को गोरखपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया है। जहां उसका पालन-पोषण किया जा रहा है।
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