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मेरठ: रैपिड के लिए वायडक्ट (Viaduct) का काम शुरू, दिल्ली और मेरठ के बीच की डिस्टेंस कम करने के लिए तेजी से चल रहा आरआरटीएस (RRTS) का कार्य

मेरठ: रैपिड के लिए वायडक्ट (Viaduct) का काम शुरू, दिल्ली और मेरठ के बीच की डिस्टेंस कम करने के लिए तेजी से चल रहा आरआरटीएस (RRTS) का कार्य
मेरठ: रैपिड के लिए वायडक्ट (Viaduct) का काम शुरू, दिल्ली और मेरठ के बीच की डिस्टेंस कम करने के लिए तेजी से चल रहा आरआरटीएस (RRTS) का कार्य

दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा का समय बचाने के लिए बनाया जा रहा रैपिड रेल कॉरिडोर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने 2025 तक मेरठ में रैपिड रेल चलाने का लक्ष्य दिया है। इसे देखते हुए आरआरटीएस की टीम दिन रात प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अब मेरठ में शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी स्टेशन के बीच पहली लॉन्चिंग गैन्ट्री को स्थित करने के साथ ही वायडक्ट बनाने का काम भी शुरू हो गया है।Read Also:-मेरठ : गौ तस्कर अकबर बंजारा का अवैध परिसर (Complex) धवस्त किया गया , एक साथ 16 जगह गरजने लगे एमडीए (MDA) के बुलडोज़र

ब्रह्मपुरी और शताब्दी नगर के बीच बनेगा पुल
मेरठ में शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी स्टेशन के बीच आरआरटीएस (RRTS ) वायडक्ट के निर्माण के लिए पहली लॉन्चिंग गैन्ट्री बन चुकी है, साथ ही यहां सेग्मेंट लिफ्टिंग का काम भी शुरू हो गया है। सेग्मेंट लिफ्टिंग के साथ ही यहां वायडक्ट का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह लॉन्चिंग गैन्ट्री शताब्दी नगर से ब्रह्मपुरी तक एक पुल के निर्माण का काम करेगी।

मेरठ: रैपिड के लिए वायडक्ट (Viaduct) का काम शुरू, दिल्ली और मेरठ के बीच की डिस्टेंस कम करने के लिए तेजी से चल रहा आरआरटीएस (RRTS) का कार्य

लोहे का वायडक्ट 2 किमी लंबा पुल बनेगा
लॉन्चिंग गैन्ट्री से 2 किमी लंबा वायडक्ट बनाया जा रहा है, जो मेरठ में शताब्दी नगर और ब्रह्मपुरी स्टेशन के बीच ब्रह्मपुरी और मेरठ सेंट्रल स्टेशन पर रैंप तक बनेगा। इसके आगे के भाग में मेरठ सेंट्रल सहित दो और स्टेशन भैसाली और बेगमपुल में भूमिगत स्टेशन बनाए जा रहे हैं जिसके लिए टनल बोरिंग मशीन से सुरंग खोदी जा रही है।

लॉन्चिंग गैन्ट्री क्या है
लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) एक विशाल मशीन है जिसका उपयोग एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए किया जाता है। यह खम्भे के ऊपर स्थापित होता है, जहाँ से यह गर्डर को उठाकर उससे मिला देता है। ये खंड लगभग 50 से 60 टन भारी हैं। गर्डर के इन खंडों को कास्टिंग यार्ड से साइट तक बड़े ट्रकों और ट्रॉलियों पर लाद दिया जाता है और गैन्ट्री को लॉन्च करके एक-एक करके जोड़ा जाता है। यह पुल के निर्माण के साथ आगे बढ़ता है।

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