सांप डसवा कर अपनी पत्नी की हत्या करने वाले केरल के कोल्लम की सेशन कोर्ट ने सूरज को डबल उम्र कैद की सजा सुनाई है। सूरज ने पहले अपनी पत्नी को नींद की गोलियां दी थीं और फिर जब वह सो गई तो सांप से डसवा कर अपने पत्नी को मौत की नींद सुला दिया। सोमवार को ही कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर उसे हत्या का दोषी ठहराया था। अदालत ने इसे दुर्लभतम मामलों में से एक करार दिया था, लेकिन पति पी सूरज की उम्र को देखते हुए मौत की सजा से राहत दी थी। कोर्ट ने कहा कि इससे ऐसे आपराधिक दिमाग वाले लोगों में गलत संदेश जाएगा। केरल पुलिस प्रमुख ने इसे दुर्लभतम मामला बताया जहां परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी का पर्दाफाश किया गया।Read Also:-ललितपुर में किशोरी के साथ 25 लोगों ने किया दुष्कर्म, पिता, सपा व बसपा जिलाध्यक्ष पर भी लगाया दुष्कर्म का आरोप
देश में संभवत: यह पहला मामला है, जब किसी को मारने के लिए जहरीले सांप को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है। अदालत ने सूरज को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई है, लेकिन उसकी पत्नी उथरा के परिजनों ने नाराजगी जताई है। उनके परिवार का कहना है कि वे इस सजा से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि सूरज को मौत की सजा दी जानी चाहिए और वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. उथरा की मां मणिमेखला ने कहा कि सूरज ने पहले दो बार हत्या का प्रयास किया था और तीसरी बार में पत्नी की जान ले ही ली।
मणिमेखला ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि उसे मौत की सजा दी जाएगी।” अगर उसे मौत की सजा दी जाती तो सभी को स्पष्ट संदेश मिल जाता कि ऐसा अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह हत्या का दुर्लभतम मामला है, लेकिन दोषी की कम उम्र को देखते हुए उसे मौत की सजा नहीं दी जा रही है. इसके अलावा उसका कोई पूर्व आपराधिक इतिहास भी नहीं था। इस तर्क के साथ उसने मौत की सजा देने से इनकार कर दिया।
पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ेगी, देशभर में हुई इस कांड की चर्चा
कोर्ट ने कहा कि 32 साल के सूरज को सारी सजा अलग से भोगनी होगी। उसकी उम्रकैद की सजा 17 साल बाद ही शुरू होगी, जिसका मतलब है कि उसे अपना शेष जीवन जेल में बिताना होगा। कोल्लम में छठे अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सोमवार को सूरज को पिछले साल मई में अपनी 23 वर्षीय पत्नी उथरा की नींद में कोबरा द्वारा डसवाकर मारने का दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष ने उसके लिए मौत की सजा की मांग की थी। इधर, अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के पुलिस प्रमुख अनिल कांत ने कहा कि यह दुर्लभतम मामलों में से एक है जिसमें आरोपी को परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर दोषी पाया गया है.
दोषियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस की हो रही सराहना
मामले की जांच करने वाली पुलिस टीम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह इस बात का एक चमकदार उदाहरण है कि कैसे हत्या के मामले की जांच की गई और वैज्ञानिक और पेशेवर तरीके से इसका पता लगाया गया। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा कि मामला मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जांच दल ने मामले को सुलझाने के लिए फोरेंसिक दवा, फाइबर डेटा, पशु डीएनए और अन्य सबूतों का विश्लेषण करने में कड़ी मेहनत की।
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