मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में रविवार को हुई किसान-मजदूर महापंचायत में चार बड़े फैसले लिए गए हैं. लाठीचार्ज के खिलाफ 7 सितंबर को करनाल में बड़ी महापंचायत बुलाई गई है। 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में किसान आंदोलनों से जुड़ी बैठकें होंगी. जयपुर में 15 सितंबर को किसान संसद का आयोजन किया जाएगा। 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इससे पहले 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की गई थी, लेकिन कुछ कारणों से इस तारीख में बदलाव किया गया है.Read Also:-किसानों को मिला बीजेपी सांसद वरुण गांधी का समर्थन, कहा- वे हमारे अपने ही खून हैं, दर्द समझें उनका
हर जिले में बनेगी एसकेएम समितियां
कहा जा रहा था कि इसी महापंचायत से मिशन यूपी और मिशन उत्तराखंड की शुरुआत की जाएगी। इसके उलट राकेश टिकैत ने कहा कि अब लड़ाई सिर्फ यूपी-उत्तराखंड के मिशन की नहीं, बल्कि पूरे देश को बचाने की है. संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि अब यूपी के हर जिले में एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) की समितियां बनाई जाएंगी। समितियों के माध्यम से इस आंदोलन को हर जिले और गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा।
हर वर्ग की दर्द भरी नसों पर रखे हाथ
राकेश टिकैत ने रेलवे, बिजली, बंदरगाहों समेत तमाम सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर तीखा हमला बोला. इसके बहाने उन्होंने आने वाले दिनों में रोजगार की कमी की आशंका जताई और नौकरीपेशा लोगों के भविष्य पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने पुलिसकर्मियों से कम वेतन पर अधिक काम लेने का भी मुद्दा उठाया। इसने किसानों को यह भी बताया कि कृषि कानूनों के लागू होने की स्थिति में क्या होगा। टिकैत ने पंचायत मंच से जब अल्लाह हू अकबर बोला तो भीड़ ने हर हर महादेव के नारे लगाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया.
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