इकलौते बेटे की अर्थी को कंधा देने वाले पिता का दर्द कोई नहीं समझ सकता। 78 वर्षीय राजेंद्र सिंह त्यागी सात साल से अपने इसी गम को दिल में छुपाकर पत्नी, बहू, पोतों को ढाढ़स बंधाते रहे। लेकिन बृहस्पतिवार को प्रयागराज में हुए एनकाउंटर में दो बदमाशों वकील पांडेय और अमजद के मरने की खबर सुनी तो धुंधली आंखें भी चमक उठीं। टीवी पर खबर देखकर पत्नी से बोले, संतोष-आज तेेरे अनिल के हत्यारे खत्म हो गए हैं। आंखेे नम हो गईं। बस यही शब्द निकले कि मेरा अनिल तो नहीं आ सकता लेकिन इतना तो सुकून मिला कि उसके हत्यारों को सबक मिल गया। योगी सरकार को धन्यवाद। एसटीएफ और पुलिस टीम को धन्यवाद। वर्ष 2013 में वाराणसी में डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की बदमाशों ने गोली बरसाकर हत्या कर दी थी। वाराणसी जेल में उनकी सख्ती से परेशान होकर इस घटना को अंजाम दिलाया गया था। तब से परिवार के सदस्य इंसाफ के इंतजार में थे।