अब लोगों की ट्रेन नहीं छूटेगी। रियल टाइम इंफार्मेशन सिस्टम पर ट्रेनों की सटीक जानकारी मिलेगी। रेलवे की पहल पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ट्रेनों की निगरानी करेगा। इसरो अपने सैटेलाइट के जरिये हर पल ट्रेनों को देखता और उनकी गति को पढ़ता रहेगा। इसके लिए भारतीय रेलवे के सभी इंजन जीपीएस से ऑनलाइन किए जाएंगे। इंजनों में जीपीएस आधारित मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
फिलहाल, भारतीय रेलवे के इंजन इसरो से जुड़ने लगे हैं। प्रथम चरण में 2700 इलेक्ट्रिक इंजन जुड़कर कार्य करने लगे हैं। 3800 डीजल इंजन को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। दूसरे चरण में छह हजार इंजनों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दिसंबर 2021 तक देश की सभी ट्रेनें इसरो के संपर्क में आ जाएंगी।
दरअसल, रेलवे प्रशासन अपने यात्रियों को ट्रेनों की सटीक जानकारी नहीं दे पाता। नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम पर भी विलंबित, मार्ग परिवर्तित, निरस्त और स्पेशल ट्रेनों की सही सूचना नहीं मिल पाती। ठंड के मौसम में कोहरा के समय तो यात्रियों की परेशानी और बढ़ जाती है। अब इसरो के जरिये यात्रियों को ट्रेनों के लोकेशन के बारे में हर पल अपडेट जानकारी मिलती रहेगी।