दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. सभी सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है। सोमवार से स्कूल भी एक हफ्ते के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस मुद्दे पर आपात बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम पूर्ण लॉकडाउन के तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं। साथ ही निजी वाहनों को बंद करने की भी सोच रहे हैं। सभी निर्माण गतिविधियां रोक दी गई हैं।
दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
दिवाली के बाद खराब हुई दिल्ली की हवा अब भी गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. दिल्ली की हालत कितनी खराब है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली सबसे आगे है. इस सूची में भारत का मुंबई और कोलकाता भी शामिल है। स्विट्जरलैंड स्थित जलवायु समूह IQAir ने यह नई सूची जारी की है। यह समूह वायु गुणवत्ता और प्रदूषण पर नजर रखता है। समूह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में एक प्रौद्योगिकी भागीदार है।
इस सूची में पाकिस्तान का लाहौर और चीन का चेंगू शहर भी शामिल है। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने और दिल्ली में वाहन प्रदूषण का बड़ा हिस्सा है। पराली को लेकर राज्यों की सरकारों के बीच खींचतान चल रही है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है।
प्रदूषण बोर्ड ने दी चेतावनी
दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्तर (एक्यूआई) आज 476 है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगले 48 घंटों तक हवा की गुणवत्ता गंभीर बनी रहेगी। राज्यों और स्थानीय निकायों को स्कूलों को बंद करने, निजी कारों पर ‘ऑड-ईवन’ प्रतिबंध लगाने और सभी निर्माण को रोकने सहित आपातकालीन उपायों को लागू करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के पांच शहरों का एक्यूआई 400 से अधिक
बुलंदशहर, हापुड़, नोएडा, मेरठ और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर बिगड़ रहा है। आज इन पांच शहरों में एक्यूआई 400 से अधिक है। बुलंदशहर में एक्यूआई स्तर 444 है। पीएम10 का स्तर 568 और पीएम 2.5 का स्तर 417 है। लखनऊ में हवा की गुणवत्ता खराब है। यहां एक्यूआई 187, पीएम10 लेवल 187 और पीएम 2.5 लेवल 125 है।
राजस्थान के 17 में से 15 जिलों में खराब वायु गुणवत्ता
राजस्थान में हवा में प्रदूषण का स्तर दिल्ली-एनसीआर जितना खतरनाक नहीं है। यहां एक्यूआई 200 से कम है। जयपुर, उदयपुर, अजमेर, पुष्कर समेत राज्य के 15 जिलों में हवा की गुणवत्ता खराब है। दोनों जिलों की गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
PM2.5 के स्तर में वृद्धि के कारण फेफड़ों की क्षति
सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली की हवा में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले पीएम2.5 (बहुत महीन धूल के कण) का स्तर आधी रात के करीब 300 का आंकड़ा पार कर गया। शाम 4 बजे यह 381 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। हवा को सुरक्षित रखने के लिए PM2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए। फिलहाल यह सेफ लिमिट से करीब 6 गुना ज्यादा है। PM2.5 इतना छोटा है कि यह फेफड़ों के कैंसर और सांस की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
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