मेरठ 26 जनवरी (प्र)। 25 हजार के इनामी इनामी सुशील फौजी ने गत दिवस अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट नंबर 6 मेरठ की कोर्ट में सरेंडर कर दिया. जहां से कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। आरोपी सुशील फौजी के अधिवक्ता सुनील चिंदौदी ने बताया कि सुशील फौजी की मां गुड्डी ग्राम भदौरा की प्रधान है.
ग्राम पंचायत 14 बीघा जमीन पर खेल स्टेडियम बनाना चाहती थी। जिसके बाद वर्ष 2021 में गांव भदौरा निवासी इरफान पुत्र सईद ने आरोपी सुशील फौजी के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट व धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. उसके बाद वर्ष 2022 में इरफान पिता सईद पुत्र रमजान निवासी भदौरा ने सुशील फौजी के खिलाफ थाना रोहता में आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज कराया था.
तभी से आरोपी फरार चल रहा था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था. सुशील फौजी फिलहाल लद्दाख में तैनात हैं, वे 19 से 25 जनवरी तक छुट्टी लेकर अपने घर आए थे. जिसके बाद बुधवार को उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में सरेंडर कर दिया.
अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। वहीं, केस दर्ज कराने वाले इरफान ने कहा है कि फौजी के जेल जाते ही उसकी आत्मा को शांति मिली, क्योंकि 14 महीने से वह फौजी के आतंक के साये में जी रहा था. सिपाही ने उनके परिवार का चैन छीन लिया था।
25 हजार के कुख्यात इनामी को पकड़ने के लिए एसटीएफ और एसओजी की टीमें दिन-रात एक कर लगी थीं. आखिर में 25 हजार रुपये के इनामी कुख्यात सुशील फौजी ने सबको चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सुशील फौजी के कोर्ट में सरेंडर करने की सूचना पर पुलिस ने कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया. सुशील फौजी को उनके अधिवक्ता ने न्यायालय में पेश किया। जहां उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
बता दें कि सुशील फौजी मेरठ के रोहता थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। उसके फरार होने के बाद पुलिस उसके घर की कुर्की की तैयारी कर रही थी. इससे पहले भी उन्होंने बुधवार को अचानक कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. सुशील फौजी पर कई मामले दर्ज हैं। उनकी पोस्टिंग सेना के हेड क्वार्टर पुणे में थी। जहां पुलिस ने उसका आपराधिक रिकॉर्ड भेजा था।
.
News Source: https://meerutreport.com/prize-sushil-fauji-surrendered-in-the-court/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=prize-sushil-fauji-surrendered-in-the-court