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रैपिड रेल : शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट से दोगुने और ग्रामीण इलाकों में चार गुने पर जमीन लेगी सरकार

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DELHI MEERUT RAPID RAIL :गाजियाबाद से मेरठ की 82 किमी की दूरी को रैपिड रेल के जरिए महज़ 55 मिनट में पूरा किया जाएगा। दिल्ली से चलकर गाजियाबाद से मेरठ आने वाली रैपिड रेल के 24 स्टेशन हैं। मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर स्थानीय परिवहन सेवाएं भी मिलेंगी।

DELHI MEERUT RAPID RAIL PROJECT : NCRTC ने भी अब 2023 में ही रैपिड रेल (Rapid rail) को दौड़ाने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। जल्द से जल्द प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दिल्ली से मेरठ तक प्रोजेक्ट को अलग-अलग चरण में बांटकर काम किया जा रहा है। दरअसल मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों में चुनावी सौगात बनाकर जनता के सामने पेश करना चाहती है इसके लिए तेजी से काम किया जा रहा है और प्रोजेक्ट की राह में आ रही अड़चनों को भी जल्द से जल्द दूर किया जा रहा है।गाजियाबाद से मेरठ की 82 किमी की दूरी को रैपिड रेल के जरिए महज़ 55 मिनट में पूरा किया जाएगा। दिल्ली से चलकर गाजियाबाद से मेरठ आने वाली रैपिड रेल के 24 स्टेशन हैं। मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर स्थानीय परिवहन सेवाएं भी मिलेंगी। इसके लिए 21 किमी की दूरी में 12 स्टेशन बनेंगे। इसके लिए अब जमीन की दरकार है। जमीन जल्द से जल्द बिना अड़चन मिल सके इसके लिए सरकार शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट से दोगुने और ग्रामीण इलाकों में चार गुने पर जमीन लेगी।

मंगलवार को इस संबंध में डीएम के बालाजी ने बैठक ली। उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी जमीन रैपिड रेल प्रोजेक्ट में देना चाहते हैं उन्हें आगे आना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द इस काम को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में भूमि के लिए सर्किल रेट का दोगुना व ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जायेगा। सीधे बैनामा कर जमीन खरीदी जायेगी। जमीन का हस्तानांतरण एनसीआरटीसी (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन) के नाम होगा। डीएम ने कहा कि रैपिड रेल शुरू होते ही मेरठ विकास की रफ्तार पकड़ेगा। मेरठ व एनसीआर के इलाके में आय और रोजगार के नए साधन बनेंगे।

 मेरठ में ये होंगे 12 स्टेशन
इन 12 स्टेशनों में मेरठ दक्षिण, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, मेरठ सैन्ट्रल, ब्रहमपुरी, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कालोनी, डौरली, मेरठ नार्थ व मोदीपुरम शामिल हैं। इन सभी स्टेशनों पर रैपिड रेल रुकेगी। लोगों के उतरने, चढ़ने की सुविधा इन स्टेशनों पर दी जाएगी। टिकट बुकिंग सेंटर की सुविधा भी इन सभी स्टेशनों पर होगी। इसके अलावा दिल्ली से गाजियाबाद तक सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन होंगे।

ट्रेन में होगी ये सभी सुविधाएं
रैपिड ट्रेन में बिजनेस क्लास कोच होगा। जिसमें फूड डिस्पेंडिंग मशीन भी लगी होगी। आरआरटीएस ट्रेनों में टू बाई टू ट्रांसवर्ग आरामदायक सीटें, यात्रियों के पैर रखने के लिए पर्याप्त जगह, खड़े होकर यात्रा कर रहे लोगों के आरामदायक सफर के लिए दोनों तरफ की सीटों के बीच में पर्याप्त जगह, सामान रखने का रैक, मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, वाई-फाई की सुविधा होगी। ऑटामेटिक डोर होंगे जो सेफ्टी वॉल्व के साथ काम करेंगे। स्टेनलेस स्टील से बनी ये एयरो-डायनामिक ट्रेन हल्के होने के साथ पूरी तरह से एयरकंडीशन होंगी। हर कोच में एंट्री व एक्जिट के लिए प्लग इन प्रकार के छह ऑटोमेटिक गेट होंगे। जबकि बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार गेट होंगे।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ेंगे रैपिड के स्टेशन
आरआरटीएस स्टेशनों को हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, अंतरराज्यीय बस टर्मिनस (आईएबीसटी), दिल्ली मेट्रो स्टेशनों जैसे परिवहन के विभिन्न साधनों के साथ जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में सुविधा मिलेगी। फेज-1 के सभी 3 कॉरिडोर सराय काले खां में मिलेंगे और इंटरऑपरेबल होंगे, जिससे यात्रियों को बिना ट्रेन बदले एक से दूसरे कॉरिडोर तक यात्रा करने में मदद मिलेगी।

ऊर्जा की कम खपत का मॉडल
आरआरटीएस ट्रेन का डिजाइन नई दिल्ली के लोटस टैंपल से प्रेरित है। लोटस टैंपल एक ऊर्जा-कुशल इमारत का प्रतीक है, क्योंकि इसका डिज़ाइन प्रकाश और वायु के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखता है। इसी तरह आरआरटीएस ट्रेन में भी ऐसी प्रकाश और तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी जो ऊर्जा के कम खपत के बावजूद यात्रियों को आरामदायक अनुभव देगी।

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