कोरोना की दूसरी लहर के कारण बंद किए गए स्कूल अभी तक ढंग से खुले भी नहीं कि अब एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में स्कूलों के बंद होने का डर सताने लगा है। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने साफ कहा है कि हमें अगर जरा सा भी खतरा नजर आया तो स्कूलों को दोबारा बंद किया जा सकता है। उन्होंने कि स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी।
दरअसल विधानपरिषद में सपा सदस्य रुद्र प्रकाश ने चिंता जताते हुए कहा कि टीकाकरण कराए बगैर छोटे बच्चों को स्कूल भेजना क्या खतरनाक नहीं है? इस पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि अभी तक 18 साल से कम आयु के लोगों के लिए अभी टीका बना ही नहीं है और आशा है कि सितंबर में यह टीका आ जाएगा। वहीं नरेश उत्तम पटेल पूछा था कि विद्यालय खुल गए हैं, ऐसे में कोविड-19 संक्रमण बच्चों में फैलने को लेकर जो चिंता है उसे कैसे दूर किया जाएगा।
इस पर उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा बेसिक शिक्षा में उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया गया है। हमने नौ से 12 तक की कक्षाओं के लिए भी उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया है। उन्होंने कहा अभिभावकों और शिक्षकों तथा राजनीतिक संगठनों द्वारा भी कहा गया है कि चाहे कम समय के लिए ही सही, लेकिन ऑफलाइन शिक्षण कार्य कराया जाए। यूपी में अभी जो वातावरण है, इसमें हम सुरक्षा की तरफ बढ़ चुके हैं लेकिन अगर चिंता के संकेत मिले तो हम स्कूल को बंद भी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि यूपी सरकार ने कक्षा छह से आठ तक के स्कूल विद्यार्थियों के लिए आगामी 23 अगस्त से जबकि पहली से पांचवी कक्षा तक के स्कूल एक सितंबर से खोलने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक के विद्यालय छात्र-छात्राओं के लिए 16 अगस्त से खोले जा चुके हैं।