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रैपिड रेल कॉरिडोर के प्रेत्यक प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर लगेगा, दिल्ली मेट्रो ट्रैक हादसे से सबक लेकर लिया फैसला

मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल कॉरिडोर के प्रेत्यक प्लैटफॉर्म पर स्क्रीन डोर लगाने का फैसला किया गया है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि पारदर्शी शीशे के बीच रैपिड रेल के दरवाजे जुड़े होंगे। जैसे ही रैपिड रेल प्लेटफॉर्म पर आएगी, रेल के दरवाजे और प्लेटफार्म स्क्रीन डोर एक साथ खुल जाएंगे।सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली मेट्रो ट्रैक पर हुए हादसों से सबक लेते हुए मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल कॉरिडोर के हर प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर लगाने का फैसला किया गया है. एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि रैपिड रेल के दरवाजे पारदर्शी कांच के बीच जोड़े जाएंगे। प्लेटफॉर्म पर रैपिड रेल के आते ही रेल के दरवाजे और प्लेटफॉर्म के स्क्रीन के दरवाजे एक साथ खुल जाएंगे।

अधिकारियों का कहना है कि ये स्क्रीन डोर रैपिड रेल, ट्रैक और प्लेटफॉर्म के बीच एक तरह के सुरक्षा घेरे का काम करेंगे। इनके माध्यम से यात्री सुरक्षित रूप से ट्रेन में चढ़ और उतर सकेंगे। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम में बन रहे 82 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट में से करीब 68 किलोमीटर का हिस्सा यूपी में है. योगी सरकार ने अपने बजट में इस परियोजना के लिए 1326 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

एनसीआरटीसी रैपिड रेल कॉरिडोर के सभी प्लेटफॉर्म पर स्क्रीन डोर लगाने की तैयारी में है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशनों पर आत्महत्या की नीयत से ट्रैक पर कूदने, भीड़भाड़ के कारण पटरी पर फिसल जाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. कई बार यात्रियों का बैग, हाथ या पैर मेट्रो के दरवाजों के बीच फंसने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। इसे देखते हुए रैपिड रेल में सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है.

विकलांग और बुजुर्ग यात्रियों के लिए विशेष देखभाल

रैपिड रेल की यात्रा में दिव्यांग और बुजुर्ग यात्रियों के लिए भी विशेष सेवाओं की योजना बनाई गई है। इसमें व्हीलचेयर, सहायता के लिए प्रशिक्षित सहायक कर्मचारी, विकलांगों के लिए चौड़े रिवर्सिबल गेट शामिल हैं। खतरे की स्थिति में कोचों में पैनिक बटन, चौतरफा सीसीटीवी कवरेज, प्लेटफॉर्म और महिलाओं, विकलांगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए अलग बैठने की जगह को प्राथमिकता दी जाएगी।

बता दें कि साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिक खंड के 2023 तक और दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना की कुल लागत 30,274 करोड़ रुपये है। इसमें यूपी सरकार का योगदान करीब 17 फीसदी है।

कुछ महत्वपुर्ण बातें

यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर मोदीपुरम (मेरठ) पर खत्म होगा। इसमें कुल 22 स्टेशन होंगे।
यह दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेगी।
पूरे कॉरिडोर पर परिचालन 2025 से शुरू होगा।

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