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रिलायंस-फ्यूचर डील पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई, Amazon के पक्ष में फैसला; मुकेश अंबानी की 24 हजार करोड़ की डील रुकी

मुकेश अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील मामले में Amazon के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रिलायंस-फ्यूचर रिटेल डील पर रोक लगा दी है। 
रिलायंस-फ्यूचर डील पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई, Amazon के पक्ष में फैसला; मुकेश अंबानी की 24 हजार करोड़ की डील रुकी

Reliance Future Deal: मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और किशोर बियानी की फ्यूचर ग्रुफ के बीच 24,713 करोड़ में डील हुई थी। लेकिन इस डील को लेकर अमेजन ने विरोध दर्ज कराया था, जिसके बाद मुकेश अंबानी को अब कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बता दें कि इस डील की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में Emergency Arbitrator का फैसला लागू करने योग्य है। बता दें कि इमरजेंसी आर्बिट्रेटर द्वारा फ्यूचर रिटेल की डील पर रोक का आदेश जारी किया गया था। 

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्यूचर रिटेल का रिलायंस रिटेल के साथ 3.4 अरब डॉलर की डील आर्बिट्रेटर के फैसले को लागू करने योग्य है। बता दें कि आर्बिट्रेटर ने इस डील पर रोक का आदेश जारी किया था, जिसके तहत फ्यूचर रिटेल ने अपना पूरा बिजनेस रिलायंस रिटेल को बेच दिया था। वहीं अमेजन ने रिलायंस और फ्यूचर रिटेल ग्रुप के बीच हुई डील कई अलग अलग आदालतों में विरोध किया। 

बता दें कि सिगांपुर आर्बिट्रेटर सेंटर (SIAC) को ही इमरजेंसी आर्बिट्रेटर कहते हैं। जब दो देशों के व्यापर से संबंधित मामले कहीं उलझते हैं तो किसी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का सहारा लिया जाता है जहां पक्षपता की संभावना न हो। अगर अमेजन की बात करें तो फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर कंपनी Future Coupons में अमेजन ने साल 2019 में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी, इसके बाद साल 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस रिटेल को अपना सारा रिटेल बिजनेस बेचने का फैसला किया।  इसका विरोध अमेजन द्वारा किया गया। अमेजन का कहना था कि अमेजन और फ्यूचर रिटेल के बीच किए गए एग्रीमेंट के खिलाफ है यह। इसके बाद अमेजन ने कई कोर्ट्स में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई और SIAC ने अक्टूबर महीने में अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया था।

जब रिलायंस-फ्यूचर राजी, तो अमेजन को दिक्कत क्यों?
अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कूपन्स में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप को 1,431 करोड़ रुपए चुकाए थे। फ्यूचर कूपन्स के पास फ्यूचर रिटेल में करीब 10% की हिस्सेदारी थी। यानी एक तरह से अमेजन ने फ्यूचर रिटेल में पैसा लगाने की शुरुआत कर दी थी।अमेजन और फ्यूचर कूपन्स के बीच जो समझौता हुआ था, उसमें तय हुआ कि अमेजन 3 से 10 साल बाद फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी खरीदने की हकदार होगी। साथ ही ये भी तय हुआ कि फ्यूचर रिटेल अपनी हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज को नहीं बेचेगी।

लेकिन फिर कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और फ्यूचर रिटेल की हालत खराब हो गई। किशोर बियानी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि लॉकडाउन के बाद सारे स्टोर बंद हो गए और अगले तीन-चार महीनों में ही कंपनी को 7,000 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। आखिरकार इस कंपनी को बेचने का फैसला लिया गया।अगस्त 2020 में रिलायंस ने 24,713 करोड़ रुपए में फ्यूचर रिटेल खरीदने की घोषणा कर दी।

इस डील पर बात कुछ आगे बढ़ती, उससे पहले ही अमेजन ने डील रोकने के लिए सिंगापुर की कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।सिंगापुर की कोर्ट ने डील पर रोक लगा दी। अमेजन का कहना था कि फ्यूचर रिटेल ने उससे बिना पूछे रिलायंस के साथ डील की, जो समझौते का उल्लंघन है।

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