अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व धर्म सम्मेलन अपने संबोधन से पूरी दुनिया में सनातन धर्म की पताका फहराने वाले स्वामी विवेकानंद से मेरठ का बहुत करीब से जुड़ाव रहा है। शिकागो से पहले स्वामी विवेकानंद मेरठ आए थे और यहां की लाइब्रेरी में वेद, पुराण, उपनिषद, योग और दर्शन सहित तमाम साहित्यों का अध्ययन किया था। उन्होंने जिन पुस्तकों का अध्ययन किया था। वह धरोहर बन गई है।12 जनवरी 1863 में युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का हर संदेश युवाओं का मार्गदर्शन करता है। शिकागो में 11 सितंबर 1893 में उनके सनातन धर्म पर दिए भाषण की गूंज आज तक है।इतिहासकार डा. केडी शर्मा के मुताबिक स्वामी विवेकानंद शिकागो से पहले मेरठ आए थे। हरिद्वार में पेट खराब होने की वजह से वह मेरठ में पांच महीने प्रवास पर रहे। सात सितंबर 1890 से 28 जनवरी 1891 तक वह मेरठ में रहे। 12 जनवरी 1891 को उन्होंने अपना 28 वां जन्मदिन भी मेरठ में मनाया था। स्वामी विवेकानंद कैंट क्षेत्र में फौज की परेड भी देखा करते थे।