मंगलवार को तालिबान के प्रवक्ता (Taliban Spokesperson) जबीहुल्ला मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Taliban Press Conference) की। इस दौरान उसने दुनिया के सामने तालिबानी शासन का रोडमैप रखा
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद मंगलवार को तालिबान के प्रवक्ता (Taliban Spokesperson) जबीहुल्ला मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Taliban Press Conference) की। इस दौरान उसने दुनिया के सामने तालिबानी शासन का रोडमैप रखा और कहा, ‘हम किसी के प्रति नफरत की भावना नहीं रखेंगे। हमें बाहरी या अंदरूनी दुश्मन नहीं चाहिए. साथ ही कहा कि अफगानिस्तान की जमीन से किसी देश पर हमला नहीं होने देंगे।’ Read Also:-पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब : इमरान की पार्टी की नेता बोली- तालिबान हमारे साथ है, वह हमें कश्मीर फतह करके देंगे
मुजाहिद ने प्रेसवार्ता में अंतरराष्ट्रीय समुदायों की चिंताओं पर बात की। इसमें महिलाओं के प्रति उसका रवैया कैसा होगा, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं संग वह वैसे संबंध रखना चाहता है, मीडिया के लिए उसके क्या नियम होंगे? सबके जवाब तालिबान की तरफ से दिए। इसके साथ ही तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उसे मान्यता देने की मांग की।
प्रेसवार्ता में उसने अमेरिका को चेतावनी दी। जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि 31 अगस्त तक किसी भी हाल में नाटो की सेना अफगानिस्तान छोड़कर चली जाए। हम इसकी समय सीमा नहीं बढ़ाएंगे। उधर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि 31 अगस्त के डेडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमें विश्वास है कि हम इसे महीने के अंत तक इसे पूरा कर लेंगे।
जबीहुल्ला मुजाहिद ने प्रेसवार्ता में अमेरिका से कहा कि वो अफगानिस्तान के काबिल लोगों (डॉक्टरों, इंजीनियरों और पढ़े लिखे वर्ग को) को ना लेकर जाए। उसने कहा कि एयरपोर्ट पर अफरातफरी के माहौल है, इसी वजह से वो अफगान नागरिकों को एयरपोर्ट नहीं जाने दे रहे हैं।
अफगानिस्तान का राष्ट्र निर्माण करना चाहते हैं
तालिबान ने अफगान नागरिकों से कहा है कि वो देश छोड़कर ना जाएं। मुजाहिद ने देश छोड़ चुके अफगानी नेताओं को लेकर कहा कि हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है और न हमनें ऐसे लोगों की कोई सूची ही बनाई है। जो लोग देश छोड़कर बाहर गए हैं, वे लौट आएं। हमनें अतीत की सभी बातों को भूला दिया है। मुजाहिद ने कहा कि हम एक नई व्यवस्था, नई सरकार बनाना चाहते हैं और अफगानिस्तान का राष्ट्र निर्माण करना चाहते हैं। उसने काबुल से सभी बैरियरों को हटाए जाने और बुधवार से बैंकों के खुलने की घोषणा भी की। जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान पंजशीर के मुद्दे का शांतीपूर्ण समाधान चाहता है।
हमारी जमीन से किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जायेगा
जबीउल्लाह ने दुनिया से वादा करते हुए कहा कि हम अमेरिका समेत समस्त वैश्विक समुदाय व् अपने पड़ोसियों को आश्वस्त करना चाहते है की हमारी जमीन से आपको नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जाएगा किसी भी अंतरराष्ट्रीय दूतावास या संस्था को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। उनको तालिबान द्वारा ही सुरक्षा दी जाएगी।जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, ‘काबुल में दूतावासों की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है, हम सभी देशों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारे बल सभी दूतावासों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सहायता एजेंसियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद हैं।
’शरिया कानून के दायरे में महिलाओं को आजादी देंगे
महिलाओं को इस्लामी कानून के दायरे में अधिकार और आजादी देंगे। हेल्थ सेक्टर और स्कूलों में वे काम कर सकेंगी। क्या मीडिया में भी महिलाएं काम कर सकेंगी? इस पर प्रवक्ता ने घुमा-फिराकर जवाब दिया। उसने कहा कि जब तालिबान सरकार बन जाएगी तब साफ-साफ बताया जाएगा कि शरिया कानून के हिसाब से क्या-क्या छूट मिलेंगी। तालिबान महिलाओं के काम करने पर स्थायी रोक नहीं लगाएगा।
मीडिया को अफ़ग़ानिस्तान के मूल्यों का रखना होगा ध्यान
प्राइवेट मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने देंगे। प्रवक्ता ने यहां किंतु-परंतु की गुंजाइश छोड़ते हुए कहा कि, ‘बस पत्रकार अफगानिस्तान के मूल्यों का ख्याल रखकर काम करेंगे।’
G7 देशों की तालिबान को दो टूक, 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालेंगे
दुनिया की 7 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों (G7) ने सोमवार को तालिबान से साफ शब्दों में कहा के वे 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी रखेंगे। तालिबान से बस इतना कहना है कि वो सुरक्षित रास्ता दे। समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान के देश शामिल हैं।
समूह ने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों के सुरक्षित जीवन के लिए प्रतिबद्ध हैं। अफगानिस्तान के लोग सम्मान, शांति और सुरक्षा के साथ जीने का अधिकार रखते हैं। हमारी कोशिश होगी कि महिलाओं के अधिकारों समेत आतंकवाद और मानवाधिकार पर तालिबान को जवाबदेह बनाया जाएगा। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय नए सिरे से अपने प्रयास शुरु करेगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का भी हमारा पूरा समर्थन रहेगा। वहीं यूरोपीय संघ ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने तक काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना तैनात रखने की मांग की है।