भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का पहला ट्रेन का सेट पूरा हो चुका है और 7 मई 2022 को सचिव, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार की उपस्थिति में आयोजित होने वाले एक समारोह में एनसीआरटीसी को सौंप दिया जाएगा। मेक इन इंडिया पहल के तहत निर्मित, यह अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेन 100% भारत में बनी है। इनका निर्माण गुजरात के सावली में स्थित एल्सटॉम की फैक्ट्री में किया जा रहा है।Read Also:-उत्तर प्रदेश में 25 दिन में 2500% बढ़े कोरोना के मामले, राज्य में टूटा 68 दिन का रिकॉर्ड, नोएडा-गाजियाबाद में सबसे ज्यादा 1100 कोरोना मरीज मिले
दिल्ली-मेरठ के लोगों का सफर आसान होने वाला है। देश की पहली रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) हाई स्पीड ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। मेरठ-दिल्ली के बीच की दूरी सिर्फ एक घंटे में तय करने वाला रैपिड रेल का पहला डिब्बा बनकर तैयार हो गया है।
यात्रियों को इस ट्रेन में मुफ्त वाईफाई, चार्जिंग स्टेशन, डायनेमिक रूट मैप के साथ-साथ कई सुविधाएं मिलेंगी जो हवाई यात्रा का अहसास देती हैं।
एक बार ट्रेनों को एल्सटॉम द्वारा एनसीआरटीसी को सौंप दिए जाने के बाद, इसे दुहाई डिपो में बड़े ट्रेलरों पर लाया जाएगा, जिसे गाजियाबाद में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को संचालित करने के लिए तीव्र गति से विकसित किया जा रहा है। इस डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव के लिए सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है।
शनिवार को एल्सटॉम (पहले बॉम्बार्डियर) के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में हैंडओवर सेरेमनी हो रही है, जहां आरआरटीएस ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंपी जाएंगी।
भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों के आंतरिक सज्जा के साथ-साथ इसकी कम्यूटर-केंद्रित विशेषताओं का हाल ही में 16 मार्च, 2022 को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया था। 180 किमी/घंटा की डिजाइन गति, 160 किमी/घंटा की परिचालन गति और 100 किमी/घंटा की औसत गति के साथ, ये आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेनें होंगी।
इन अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से 2×2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, चौड़ी स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरा, लैपटॉप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग डिज़ाइन किया गया है। सिस्टम (एचवीएसी) और अन्य सुविधाएं। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में मानक के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए एक कोच और प्रीमियम श्रेणी का एक कोच (प्रति ट्रेन एक कोच) होगा।
सावली में एल्सटॉम का विनिर्माण संयंत्र पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कारों की डिलीवरी करेगा। इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन के लिए ट्रेनसेट और मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवाएं शामिल हैं।
100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
- दिल्ली और मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड ट्रेन 180 किमी/घंटा की डिजाइन गति, 160 किमी/घंटा की परिचालन गति और 100 किमी/घंटा की औसत गति के साथ चलेगी। जो भारत में आरआरटीएस की अब तक की सबसे तेज ट्रेन होगी।
- रैपिड ट्रेन में स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग की सुविधा होगी। एक डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) भी होगा।
- प्रत्येक ट्रेन में एक प्रीमियम श्रेणी का डिब्बा होगा और एक डिब्बा महिलाओं के लिए भी आरक्षित होगा। प्रारंभ में, प्रत्येक रैपिड रेल में 6 कोच होंगे। बाद में तीन कोच बढ़ाए जा सकते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए रैपिड रेल कोच में आरामदायक स्टैंडिंग स्पेस लगेज रैक दिया गया है।
कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे।
यह ट्रेन दिल्ली-मेरठ हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर में दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन पर शुरू होगी। इस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे। सराय काले खां से ट्रेन न्यू अशोक नगर और आनंद विहार स्टेशन के बाद यूपी में प्रवेश करेगी। यहां से यह साहिबाबाद, गाजियाबाद, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, मेरठ नॉर्थ से होते हुए मोदीपुरम तक जाएगी।
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