दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक खत्म हो गई है। जिसमें केंद्र सरकार और फ्रंट के बीच समझौता हो गया है। केंद्र सरकार से बातचीत के बाद तैयार प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। अब सरकार द्वारा इसे स्वीकार करने के लिए आधिकारिक पत्र भेजा जाएगा, तो 12 बजे फिर से मोर्चे की बैठक बुलाई जाएगी और किसानों की वापसी की घोषणा की जाएगी।Read Also:-Mi-17V5 Helicopter: वायु सेना का सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय हेलीकॉप्टर, इसी में सवार थे CDS रावत, PM मोदी भी करते हैं इसी में सफर
प्रेस कांफ्रेंस में हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चधुनी ने कहा कि कल सरकार की ओर से जो मसौदा आया है उस पर हम सहमत नहीं थे। कुछ सुधार करने के बाद हमने उसे लौटा दिया। सरकार दो कदम और आगे बढ़ गई है। आज जो मसौदा आया है उस पर हम सहमत हो गए हैं। अब सरकार हमें उस मसौदे पर एक आधिकारिक पत्र भेजे। इस पर सभी सहमत हैं। जैसे ही पत्र आएगा, कल बैठक कर इस पर फैसला हो जाएगा। इसके लिए 12 बजे बैठक बुलाई गई है। जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।Read Also:-उत्तर प्रदेश में इन लोगों को इसी महीने से मिलेंगे 6000 रुपये महीना, आदेश हुआ जारी
मुआवजा व केस रिफंड की जिम्मेदारी राज्य सरकार की : टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की ओर से भेजा गया मसौदा सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है। इस मसौदे के मुताबिक राज्य सरकार मृतकों को 5 लाख का मुआवजा देगी। वहीं, राज्य सरकार किसानों के खिलाफ मुकदमा वापस लेगी। अब इसे वापस सरकार को भेज दिया गया है। जैसे ही सरकार आधिकारिक तौर पर इसे जारी करेगी, वैसे ही आंदोलन को खत्म करने की घोषणा कर दी जाएगी। इसके लिए कल दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई गई है।
हरियाणा सरकार भी मुआवजे और मामले की वापसी पर राजी
इस बीच हरियाणा सरकार भी किसानों को मुआवजे के तौर पर 5 लाख की सहायता देने और केस वापस लेने पर राजी हो गई है। केंद्र सरकार भी सभी मामलों को वापस लेने पर राजी हो गई है। केंद्र भी एमएसपी कमेटी में सिर्फ फ्रंट लीडर्स को रखने पर राजी हो गया है। दिल्ली बॉर्डर पर 377 दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है।
यह आया नया ऑफर
- एमएसपी कमेटी में केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि होंगे। कमेटी 3 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को एमएसपी कैसे मिले। जिस फसल पर राज्य अभी एमएसपी पर खरीद कर रहा है वह जारी रहेगा।
- सभी मामलों को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया जाएगा। इसके लिए यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा की सरकारों ने अपनी सहमति दे दी है।
- केंद्र सरकार, रेलवे और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दर्ज मामले भी तुरंत वापस ले लिए जाएंगे। केंद्र सरकार राज्यों से भी अपील करेगी।
- हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने पंजाब की तरह मुआवजा देने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है
- बिजली बिल पर किसानों को प्रभावित करने वाले प्रावधानों पर संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा की जाएगी। इससे पहले इसे संसद में पेश नहीं किया जाएगा।
- पराली के मामले में किसान केंद्र सरकार अधिनियम की धारा 15 में जुर्माने के प्रावधान से मुक्त होंगे।
देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।