मेरठ में गुरुवार शाम को अचानक आई आंधी-पानी से कई पेड़ जमीदोज हो गए। पेड़ों की शाखाएं टूट कर बिजली लाइनों पर गिर गईं। जगह-जगह लाइनें लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। बिजली आपूर्ति ठप होते ही शहर में हाहाकार मच गया।
जहां अस्पतालों व आक्सीजन प्लांटों की आपूर्ति ठप होने से महकमे के हाथ पांव फूल गए तो वहीं, होम आइसोलेशन में मौजूद मरीज कराह उठे। बिजली को लेकर देर रात तक हाहाकार मचा रहा। शाम 4.30 बजे से मौसम खराब हुआ। जिसके बाद से बिजली व्यवस्था धड़ाम हो गई।परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक, जागृति विहार से लेकर गंगानगर तक लगभग पूरे शहर में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। यहां तक कि मेडिकल कालेज समेत कई अस्पताल व आक्सीजन प्लांटों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। लोगों के फोन घनघनाने शुरू हुए तो नगरीय विद्युत वितरण की टीमें सक्रिय हुईं। सबसे पहले अस्पतालों और आक्सीजन प्लांटों की आपूर्ति बहाल की गई। करीब एक से दो घंटे लग गए। इसके बाद गंगानगर, एमईएस, सोफीपुर, नगलासेखू, माधवपुरम, हापुड़ रोड बाइपास, शताब्दीनगर, सिविल लाइंस, साकेत, मानसरोवर, पल्लवपुरम, रूड़की रोड, घंटाघर क्षेत्र की आपूर्ति में आए व्यवधान दूर करने में बिजली टीमें जुटीं। रात नौ बजे के बाद एक-एक क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बहाल होनी शुरू हुई। इसमें देर रात तक बिजली टीमें जुटी रहीं।