बसपा ने आज से यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। जिसमें पहले चरण में बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने रामलला के दर्शन किए। जानकारी के अनुसार छह जिलो में इस माह ही ब्राह्मणों को साधने के लिए सम्मेलन होंगे।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) आज राम की नगरी अयोध्या से यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद करने जा रही है जिसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जानकारी के अनुसार बसपा इस बार ब्राह्मण वोट बैंक को फिर से इकट्ठा करने की कोशिश में लगी है। कार्यक्रम के तहत पार्टी की तरफ से आज देवकाली के तारा जी रिजॉर्ट में प्रबुद्ध समाज के सम्मान, सुरक्षा व तरक्की को लेकर संगोष्ठी होनी है। इसमें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को संबोधित करेंगे। इसी माह बसपा 6 अन्य जिलों में भी सम्मेलन करेगी। शुक्रवार को अयोध्या में बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने पहले रामलला के दर्शन किए। इसके बाद सरयू पूजन किया। सरयु में आचमन के दौरान सतीश चंद्र मिश्रा ने सवा कुंटल दूध से दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद वह अयोध्या से ताराजी रिसार्ट कार्यक्रम स्थल पहुंचे। बता दें देवकाली के तारा जी रिजॉर्ट में बसपा के प्रबुद्ध वर्ग के सम्मान सुरक्षा संगोष्ठी आयोजित की गई है।
यूपी में है बसपा के 18 विधायक
प्रदेश में चार बार सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी के वर्तमान में केवल 18 ही विधायक हैं। उसमें भी चार माह पूर्व करीब 9 विधायकों ने बगावत कर दी थी। किसी तरह मामला शांत हुआ था। पार्टी की इस स्थिति को लेकर बसपा सुप्रीमों चिंतित हैं। इतना ही नहीं वेस्ट यूपी में बसपा की केवल एक सीट है। अब बसपा पार्टी ब्राह्मण वोट बैंक को इकट्ठा करने की जुगत में लगी है। जानकारी हो कि तीन दिन पहले ही मायावती ने ऐलान किया था कि बसपा विकास दूबे गैंग के सदस्य की पत्नी खुशी दूबे का केस लड़ेगी। बसपा का मानना है कि इससे कहीं ना कहीं ब्राह्मण वोटे बैंक उनके पास वापस आ सकता है।
असपा का बसपा पर पड़ेगा फर्क?
बसपा मुख्य रूप से दलितों की आवाज मानी जाती है। इतना ही नहीं, कई चुनाव बसपा सुप्रीमों ने दलित वोट बैंक के दम पर ही जीतें है। परंतु पिछले 3-4 सालों में यूपी की राजनीति में बदलाव देखने को मिला है। अगर पश्चिमी यूपी की बात करनें तो यहां चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी खड़ी हो रही है। इतना ही नहीं पंचायत चुनाव में असपा ने पार्टी के झंडे पर चुनाव लड़वाया। इतना ही नहीं चंद्रशेखर की वेस्ट यूपी में साइकिल रैली लगातार जारी हैं। वह रैलियों में स्पष्ट कर चुके है कि उनकी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 मजबूती के साथ लड़ेगी।