नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले उत्तर प्रदेश लागू कर सकता है। खासकर उच्च शिक्षा स्तर पर जिस तरह से प्रक्रिया शुरू है, उसे देखते हुए संभावना है कि अगले साल तक प्रदेश के विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रमों और अन्य आधारभूत ढांचे में बदलाव दिखने लगे। प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए जो कमेटी गठित की है, उसने अपना काम शुरू कर दिया है। इस कमेटी में सबसे अधिक चौ. चरण सिंह विवि के तीन प्रोफेसर शामिल हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से उच्च शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए स्टीयरिंग कमेटी गठित की गई है। इसमें पहले 16 सदस्य थे। अब चार सदस्य और जुड़ गए हैं। इस तरह से 20 सदस्यीय टीम लगातार बैठक कर रही है। इस कमेटी में चौ. चरण सिंह विवि से प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, प्रो. हरेकृष्ण, प्रो. वीरपाल सिंह भी हैं। विवि परिक्षेत्र की बात करें तो राजकीय डिग्री कॉलेज बादलपुर के एसोसिएट प्रोफेसर दिनेश शर्मा भी इस कमेटी के सदस्य हैं। अभी तक इस कमेटी ने तीन बैठकें की हैं। करीब 16 बैठकें होनी हैं। नवंबर में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंप सकती है।