कोरोना की तीसरी लहर (COVID-19 Third Wave) और डेल्टा प्लस वैरिएंट का सबसे ज्यादा खतरा उत्तरप्रदेश के मेरठ (Meerut) जिले में मंडरा रहा है। यहां 100 से ज्यादा मरीज शक के घेरे में हैं, जिनमें डेल्टा प्लस वेरिएंट की आशंका है। इन सभी मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली या फिर लखनऊ भेजे गए हैं। इन सैंपल के रिजल्ट जल्द आने की संभावना है।
मेरठ के सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन के मुताबिक तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए युद्धस्तर पर तैयारी चल रही हैं। मवाना, दौराला और किठौर में ऑक्सीजन प्लांट भी शुरू हो गया है. चार और ऑक्सीजन ऑक्सीजन प्लांट 15 जुलाई तक शुरू हो जाएंगे. वहीं मेडिकल कॉलेज ज़िला अस्तपाल और कैंट हॉस्पिटल में 31 जुलाई तक ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की आशंका के मद्देनज़र पीकू वार्ड और नीकू वार्ड भी तैयार हैं।
सीएमओ का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर थमी जरूर है, लेकिन कोरोना अभी भी हमारे बीच मौजूद है, यह अपना स्वरूप भी बदल रहा है। डेल्टा प्लस वैरिएंट ज्यादा घातक है, ऐसे में एहतियात जरूरी है इसलिए लोग बेवजह बाहर न निकलें। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग सभी सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज रहा है। ताकि कहीं से भी चूक न होने पाए। जो भी सैंपल संदिग्ध है उसको लेकर विशेष अहतियात बरती जा रही है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, कंसस्ट्रक्शन साइट्स, अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों के सैंपल लेकर उनकी जांच की जा रही है।
मेरठ के अलावा हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर और बागपत जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा बढ़ गया है। सभी छह जिलों में स्वास्थ्य विभाग को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। साथ ही कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने सभी जिलों के सीएमओ को कोरोना संक्रमितों की फोन पर स्वयं निगरानी करने का आदेश दिया है। मरीजों की प्रतिदिन की रिपोर्ट भी मांगी हैं।
मेरठ में चार एएनएम में मिले थे लक्षण
मेरठ में पिछले दिनों बिजौली गांव की चार एएनएम में डेल्टा प्लस वैरिएंट होने के लक्षण मिले थे। चारों एएनएम एक ही गांव की थी चारों एक साथ कोरोना संक्रमित हुई थी। एक ही जगह की चार महिलाओं के एक साथ कोरोना संक्रमित होने से डेल्टा प्लस वैरिएंट होने की संभावना स्वास्थ्य विभाग ने जताई थी। जिसके चलते चारों के सैंपल जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट का इंतजार है।