उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आधी आबादी यानी महिलाओं का दिल जीतने के लिए बीजेपी ने इस बार नई रणनीति अपनाई है. वह साड़ियों के जरिए लोगों के दिलों में उतरना चाहती हैं। साड़ियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें छप रही हैं। यह पहला मौका है जब मोदी-योगी की जोड़ी साड़ियों पर नजर आ रही है। उन पर बीजेपी के नारे भी छपे हैं। पिछले चुनाव में ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला।Read Also:-मेरठ: चलनी शुरू हो गई इलेक्ट्रिक बसें, जानिए रूट से लेकर किराया तक सब कुछ
उत्तर प्रदेश के 4 शहरों लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी से अब तक करीब 50 हजार ऐसी साड़ियों के ऑर्डर बुक हो चुके हैं। सूरत में कारोबार कर रहे गोरखपुर और कानपुर के दो व्यापारी उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में कारोबार कर रहे अपने व्यापारियों के जरिए बिना किसी ऑर्डर के एक लाख साड़ियां भेज रहे हैं। ये सभी साड़ियां सूरत में बनाई जा रही हैं, क्योंकि वहां देश की सबसे सस्ती साड़ियां बनती हैं। बताया जा रहा है कि एक-दो दिन में दो लाख साड़ियों के ऑर्डर मिलने वाले हैं।
मोदी सरकार के बड़े काम साड़ियों पर छपे
साड़ियों में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या राम मंदिर, योगी-मोदी की फोटो, बीजेपी और हिंदुत्व के नारे कमल के फूल से लिखे हुए हैं। इन साड़ियों को यूपी में बांटने की योजना है। साड़ियों के ज्यादातर डिजाइन 3डी प्रिंटेड होते हैं। जो राम को लाए हैं, उनको हम लेकर आएंगे… उन पर नारे भी छपे हुए हैं। ऐसी साड़ियाँ मेरठ, लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर के साड़ी शोरूम में भी उपलब्ध हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेरठ के दुकानदार निमित जैन कहते हैं- हमने कुछ लोगों को सैंपल दिखाए हैं। ऑर्डर मिलते ही साड़ी का ऑर्डर देना शुरू कर देंगे। कानपुर के साड़ी कारोबारी राजीव कुमार भी सूरत में मैन्युफैक्चरिंग करते हैं। वे मोदी-योगी की तस्वीरों के साथ साड़ी भी बना रहे हैं। राजीव कहते हैं – मैं इन साड़ियों को सभी व्यापारियों और परिचितों को उपहार के रूप में भेज रहा हूं।
कीमत 200 रुपये से 500 रुपये तक
वर्तमान में सूरत में 20 से 24 विनिर्माता इन आदेशों को पूरा करने में लगे हुए हैं। इन चुनावी साड़ियों को बनाने में 200 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का खर्च आता है। बाजार के हिसाब से देखा जाए तो इनकी कीमत 1000 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक है।
चुनाव ने मिटाई कोरोना की मंदी
ये वेट लेस साड़ियां रिनल, तारकी, चंदेरी और सिल्क क्रेप मटेरियल से बनाई जा रही हैं। वे दिखने में और गुणवत्ता में बहुत आकर्षक हैं। इसके साथ ही टोपी, कोट और झंडे की भी काफी मांग है। चुनाव का दिन नजदीक आने के साथ ही इनकी मांग और बढ़ने की संभावना है। पहले चरण में भारतीय जनता पार्टी की योजना इन साड़ियों को अपने कार्यकर्ताओं में बांटने की है। कोरोना काल के कारण सूरत के कपड़ा उद्योग में मंदी का माहौल है। लेकिन, चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के आदेश से व्यापारियों में खुशी की लहर है।
उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा ऑर्डर
सूरत के साड़ी बनाने वाले मनोहर सिहाग बताते हैं- जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो सूरत की कपड़ा मिलों को कपड़े से बनी चुनाव सामग्री के ऑर्डर मिलने लगते हैं। हालांकि, पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पूरा फोकस मोदी और योगी पर है। इसलिए उनके चिन्हों वाली वस्तुओं की मांग अधिक है। यहां बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है।
भारतीय जनता पार्टी और उसके समर्थकों द्वारा दिए जा रहे आदेश
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी और उनके समर्थक सूरत के कपड़ा व्यापारियों को ऑर्डर दे रहे हैं। कपड़ा व्यापारी ललित शर्मा कहते हैं- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, जौनपुर और कानपुर में सबसे ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं। अन्य शहरों से भी फोन पर पूछताछ की जा रही है। साफ है कि आने वाले समय में मांग और बढ़ेगी।
करीब 10 से 15 दिनों में ऑर्डर पूरे हो जाएंगे
एक अन्य कपड़ा व्यापारी पीयूष पटेल ने बताया कि सूरत में बनी साड़ियां देश में काफी लोकप्रिय हैं। यहां की खासियत यह है कि यहां सबसे सस्ती से लेकर सबसे महंगी साड़ियां बनाई जाती हैं। मौजूदा समय में चुनावी माहौल को देखते हुए योगी और मोदी की तस्वीरों वाली साड़ियों की डिमांड है। हम उन सभी आदेशों को पूरा कर रहे हैं जो समय पर मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश से जितने भी ऑर्डर मिले हैं, हम उन्हें अगले 10 से 15 दिनों में पूरा करेंगे। इससे कपड़ा उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
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