महंगाई का असर मुफ्त राशन वितरण योजना में भी दिख रहा है। शायद यही वजह है कि इस महीने गरीबों को दिया जाने वाला एक लीटर खाद्य तेल, नमक और चना अब तक नहीं दिया गया है। कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन वितरण की योजना चलाई गई। इसके तहत माह में दो बार निशुल्क राशन वितरण की व्यवस्था की गई। महीने की शुरुआत में एक लीटर सरसों का तेल, एक किलो चना और नमक मुफ्त में गेहूं-चावल के साथ दिया गया। लेकिन अप्रैल के महीने में कार्डधारकों को अनाज के साथ तेल, नमक और चना नहीं मिला। बताया जा रहा है कि खाद्य तेल की कीमत में बढ़ोतरी को देखते हुए एजेंसियां इसे नए रेट पर वितरण की कोशिश कर रही हैं, जबकि सरकार इसकी आपूर्ति पुरानी दरों पर करने की मांग कर रही है। दोनों के बीच मामला अटकने के कारण अब तक खाद्य तेल का वितरण नहीं हो पाया है।
ये समस्या क्यों हुई
पहले मुफ्त राशन देने की योजना मार्च तक थी। प्लान के मुताबिक मार्च तक ही खरीदारी की गई थी। बाद में सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया। जिस वक्त यह फैसला लिया गया उस वक्त खाद्य तेल के दाम बढ़ गए थे। ऐसे में एजेंसियों को पुराने रेट पर देने में दिक्कत हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले को सुलझाया जा रहा है। गरीबों को खाद्य तेल उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, उसके लिए काम किया जाएगा। फिर चाहे तेल महंगा हो या सस्ता।
10 लाख से अधिक कार्डधारक हैं
जिले में अंत्योदय कार्ड धारकों की संख्या 88106 है, जबकि पात्र परिवार कार्ड धारकों की संख्या नौ लाख 72 हजार 932 है। यानी कुल 10 लाख 61 हजार 38 ऐसे कार्डधारक हैं, जिन्हें लाभ दिया जाना है। स्कीम के तहत। डीएसओ का कहना है कि इस महीने खाद्य तेल का वितरण नहीं किया गया है क्योंकि तेल नहीं आया है। तेल आने के बाद ही इसका वितरण किया जाएगा। इस माह के अंत तक तेल का वितरण शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।