कोरोना काल का तनाव, करियर को लेकर असुरक्षा की स्थिति, बदली हुई दिनचर्या और खानपान की आदतों की वजह से युवाओं का दिल बीमार हो रहा है। इस समय लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में 30-35 फीसद संख्या युवाओं की है, जो हार्ट अटैक पर इलाज के लिए आए हैं। उनकी केस हिस्ट्री से चौकाने वाली चीजें सामने आई हैं। हालांकि, इससे बचा जा सकता है। तनाव से मुक्ति के लिए योग, प्राणायाम एवं ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें।
कोरोना दिल को सीधे प्रभावित नहीं करता है, लेकिन इस वायरस का हमला सीधे फेफड़े पर होता है। फेफड़े की कार्य क्षमता प्रभावित होने का सीधा असर दिल पर पड़ता है। दिल ही पूरे शरीर को खून की आपूर्ति करता है। वायरस के संक्रमण के कारण फेफड़े की खून की बड़ी-छोटी नसों में थक्के जमने से शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। खून की सप्लाई पर असर पडऩे से हार्ट को अधिक पंपिंग करनी पड़ती है, जिससे धड़कन अनियंत्रित होने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है|