पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से आम लोगों के लिए एक और बड़ा प्रवास मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम 5 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं। ऊर्जा विशेषज्ञों ने यह अनुमान वैश्विक हालात के चलते कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद लगाया है। हर महीने की पहली तारीख को वाणिज्यिक और घरेलू सिलेंडर के लिए नई दरें जारी की जाती हैं। इस बार एक दिसंबर को होने वाली समीक्षा में सिलिंडर घटने की पूरी संभावना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कमी आई है।Read Also:-मेरठ: शहर की खूबसूरती बढ़ाएगा ये सेल्फी प्वाइंट : कमिश्नर कार्यालय के बाहर लगा I LOVE MEERUT स्ट्रक्चर
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (मुद्रा और ऊर्जा अनुसंधान) अनुज गुप्ता ने हिंदुस्तान को बताया कि कोरोना वायरस के नए संस्करण ओमाइक्रोन के डेल्टा से अधिक संक्रामक होने की खबरों के कारण पूरी दुनिया सावधानी बरत रही है। इसी के चलते दुनिया भर के देश एक बार फिर हवाई यात्रा पर प्रतिबंध समेत लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं। इससे कच्चे तेल की कीमत एक दिन में करीब 12 फीसदी गिरकर शुक्रवार को 72 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई।
अगर आने वाले दिनों में ओमाइक्रोन से खतरा बढ़ता है तो दुनिया भर के देश सख्ती बढ़ाएंगे। यह कच्चे तेल की मांग को कम करने का काम करेगा। वहीं, वैश्विक दबाव के बाद 2 दिसंबर को होने वाली ओपेक देशों की बैठक में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर फैसला लिया जा सकता है। ऐसे कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ने और मांग में कमी के कारण कीमत है। नीचे आना तय है। अगर कच्चा तेल 72 डॉलर के आसपास रहता है तो भी भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत पांच रुपये कम हो जाएगी।
कीमत में पांच से सात फीसदी की होगी कमी
ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने हिंदुस्तान को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में 10 फीसदी की कमी आई है। हालांकि घरेलू बाजार में इस तरह की गिरावट की उम्मीद नहीं है। इसके बावजूद कंपनियां आने वाले 15 दिनों का चक्र पूरा होने पर पेट्रोल-डीजल के दाम पांच से सात फीसदी तक कम कर सकती हैं. ऐसे में अगर दिल्ली में पांच फीसदी की कमी है और पेट्रोल 103.97 रुपये प्रति लीटर है तो आसानी से पांच रुपये की कमी हो जाएगी।
15 दिन के ‘रोलिंग’ औसत के आधार पर कीमत तय
कच्चे तेल के जानकारों का कहना है कि घरेलू स्तर पर खुदरा कीमतें 15 दिन के ‘रोलिंग’ औसत के आधार पर तय होती हैं। यानी कच्चा तेल खरीदने के बाद रिफाइनरी में सफाई कर पेट्रोल-डीजल के रूप में बाजार में आने में करीब 15 दिन का समय लगता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का फायदा अगले कुछ दिनों के बाद ही मिलेगा। इसी समय, हाल ही में अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित भारत जैसे प्रमुख तेल खपत वाले देशों ने अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों को कम करने के संयुक्त प्रयास में अपने रणनीतिक भंडार से कच्चे तेल को छोड़ने की घोषणा की। इसका भी अब तक असर नहीं हुआ है। भविष्य में राहत की उम्मीद की जा सकती है।
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