शामली में तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा के मामले में पूर्व मंत्री सुरेश राणा समेत तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.

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मुजफ्फरनगर। शामली में 17 जून 2013 को सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर हुए आंदोलन के चलते आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट, भीड़ द्वारा की गई हिंसा के मामले में विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट कैराना ने आज पूर्व मंत्री सुरेश राणा पर आरोप लगाया.,भाजपा नेता घनश्याम परचा,सबूतों के अभाव में राधेश्याम परचा को बरी कर दिया गया है.

विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा है. आरोपी सुरेश राणा की ओर से अधिवक्ता शुगन मित्तल पेश हुए।

अभियोजन पक्ष की कहानी के अनुसार, 17 जून 2013 को शामली में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर आंदोलन के दौरान आगजनी, लूट, तोड़-फोड़ की घटना हुई थी। घटना को लेकर पुलिस की धारा 147,148,436,341,427,120बी और 395 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसमें सुरेश राणा, घनश्याम परचा और राधेश्याम परचा को नामांकित किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश हुए।

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News Source: https://royalbulletin.in/muzzafarnagar-news/In-the-case-of-vandalism-arson-and-violence-in-Shamli-three/cid9807101.htm

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