इंटरनेट पर होने वाले अपराध से निपटने के लिए रविवार को मेरठ जोन में 112 पुलिस कर्मियों को ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। विशेषज्ञों ने बताया कि व्हाट्सएप और फेसबुक पर होने वाली कॉल का भी पता लगाया जा सकता है।
एडीजी राजीव सभरवाल के मुताबिक नेशनल डिजिटल क्राइम रिपोर्ट ट्रेनिंग सेंटर (एनडीसीआरटीएस) हैदराबाद के विशेषज्ञों ने मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर के जनपद के कप्तान एडिशनल एसपी, क्षेत्राधिकारी, थानेदार, व दरोगा समेत 112 पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया।
इस दौरान अकाउंट हैक करना या फिर ओटीपी पूछकर किसी के अकाउंट से पैसा निकालने वाले अपराध से भी साइबर अपराधी आगे बढ़ चुके हैं। साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस को भी साइबर के मामलों में विशेषज्ञयता हासिल करनी पड़ेगी। दो घंटे की वेबिनार में हैदराबाद के विशेषज्ञों ने पुलिस कर्मियों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। एडीजी मेरठ जोन राजीव सभरवाल ने कहा कि पुलिस को साइबर में विशेषज्ञयता होना जरूरी है। इसे लेकर ऑनलाइन सेमिनार किया गया था। हर तीसरे महीने ऑनलाइन सेमिनार में साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।