नोएडा। जिले में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जागरूकता फैलाने और टीबी के मरीज खोजने के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रमों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। जिले में अब तक मनाए गए पांच निक्षय दिवस पर 59 नए टीबी मरीज मिले हैं। सभी का इलाज चल रहा है। गौरतलब है कि जिले में प्रत्येक माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। एकीकृत रक्षा दिवस 15 अप्रैल को 136 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जांच के दौरान आठ लोगों में टीबी की पुष्टि हुई।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. शिरीष जैन ने कहा- क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विभाग लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। विभाग वर्ष 2025 तक जिले को टीबी मुक्त बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा- सरकार के निर्देश पर प्रत्येक माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस दिन जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी में आने वाले दस प्रतिशत मरीजों में लक्षण के आधार पर टीबी की जांच की जाती है। अब तक पांच एकीकृत निक्षय दिवस आयोजित किए जा चुके हैं। इसमें अब तक 870 संभावित मरीज मिल चुके हैं, जिनमें टीबी जैसे लक्षण थे। इनमें से 828 मरीजों की प्रारंभिक जांच के बाद जांच की गई, जिसमें 59 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। इन सभी का तत्काल इलाज शुरू कर दिया गया है।
जिला समन्वयक अंबुज पाण्डेय ने बताया – जिले में अब तक पांच एकीकृत निक्षय दिवस मनाए जा चुके हैं। 15 दिसंबर को पहला निक्षय दिवस मनाया गया, जिसमें 202 संभावित मरीजों में से 191 का थूक परीक्षण किया गया। 18 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। दूसरा एकीकृत रक्षा दिवस 16 जनवरी को मनाया गया, उस दिन 203 लोगों में टीबी जैसे लक्षण पाए गए थे। इनमें से 10 मरीज थूकने के बाद सामने आए और 182 लोगों के अन्य टेस्ट किए गए। 15 फरवरी को आयोजित एकीकृत रक्षा दिवस पर 178 संभावितों में से 170 की जांच की गई, जिसमें 11 नए टीबी मरीज मिले। इसी तरह 15 मार्च को 148 संभावितों में से 147 की जांच हुई, जिसमें 12 नए मरीज मिले। 15 अप्रैल को 136 लोगों की जांच में आठ नए मरीज मिले। इस तरह अब तक मनाए गए इंटीग्रेटेड निक्षय डेज पर टीबी के 59 नए मरीज मिले हैं।
जिला यक्ष्मा अधिकारी का कहना है कि क्षय रोग के खात्मे के लिए टीबी के मरीजों की जल्द पहचान सबसे जरूरी है, जितनी जल्दी पहचान, उतनी जल्दी इलाज और उतनी ही जल्दी टीबी का संक्रमण फैलना बंद हो जाता है। क्षय रोग इकाई का पूरा फोकस टीबी के मरीजों की जल्द से जल्द पहचान करना है। उन्होंने बताया- पल्मोनरी (फेफड़े) की टीबी मरीज के खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से फैलती है। एक बार इलाज शुरू हो जाने के बाद, संक्रमण फैलने की संभावना कम हो जाती है।
हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में है थूक संग्रह की सुविधा : जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा- जिले के 17 सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित सभी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों पर थूक संग्रह की सुविधा है. इसके अलावा क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी की जांच की जा सकती है।
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News Source: https://royalbulletin.in/59-new-tb-patients-discovered-in-noida-on-integrated-nikshay-days-of-five-months/36447