
मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश नए मामलों की देखभाल और तेजी से पहचान पर भी जोर देने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बीमारी के संचरण को रोकना होगा।Read Also;-पंजाब नेशनल बैंक (PNB)ग्राहक ध्यान दें! बैंक ने बढ़ाए ये अहम चार्ज, तुरंत चेक करें जरुरी डिटेल्स
अलग-अलग देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हालांकि अभी तक भारत में इस बीमारी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद सरकार नहीं चाहती कि एहतियात के स्तर पर कोई लापरवाही बरती जाए। यही वजह है कि मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की हैं ताकि बीमारी या उसके लक्षणों के बारे में कोई गलतफहमी न हो। साथ ही अगर बाद में कोई केस आता है तो उस वक्त की स्थिति को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।
लैब टेस्टिंग के बाद ही मामले की पुष्टि
मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक लैब में टेस्टिंग के बाद ही मंकीपॉक्स के मामले की पुष्टि मानी जाएगी। इसके लिए सिर्फ पीसीआर या डीएनए टेस्टिंग का तरीका ही मान्य होगा। यदि किसी संदिग्ध मामले का पता चलता है, तो उसका नमूना राज्यों और जिलों में बनाए गए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के नेटवर्क के माध्यम से पुणे में आईसीएमआर-एनआईवी की शीर्ष प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। वहीं, मंकीपॉक्स से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार महामारी विज्ञान के तहत सभी इंतजाम करने होंगे. इसमें बीमारों और उनकी देखभाल, निदान, केस प्रबंधन और जोखिम कारकों पर ध्यान देने की बात कही गई है।
नए केस आए तो पहचान में हो तेजी
मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश नए मामलों की देखभाल और तेजी से पहचान पर भी जोर देते हैं। इसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बीमारी के संचरण को रोकना होगा। साथ ही संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में भी विस्तार से बताया। घर पर ही संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने, मरीज को आइसोलेशन में रखने और एम्बुलेंस ट्रांसफर करने की रणनीति की भी जानकारी दी गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि आइसोलेशन के दौरान किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।

संपर्क में आने के बाद 21 दिनों तक लक्षणों की निगरानी
- गाइडलाइंस में कहा गया है कि मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद उसके लक्षणों पर लगातार 21 दिनों तक नजर रखनी चाहिए।
- इसके अलावा लोगों को जागरूक करने पर भी जोर दिया गया है कि वे ऐसे बीमार व्यक्ति के किसी भी सामान का इस्तेमाल करने से बचें।
- साथ ही अगर इस बीमारी से पीड़ित कोई व्यक्ति आइसोलेशन में है तो उसकी देखभाल करते हुए हाथों को ठीक से सेनेटाइज करना चाहिए।
- इसके अलावा उचित पीपीई किट पहनने की जरूरत पर क्या दिया गया है।

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